अवध की आवाज दैनिक पेपर जिला संवाददाता विनोद कुमार सिंह,,
गोंडा। जैसा कि हर एक व्यक्ति को विदित है कि इस वक्त आम जनता पर महंगाई की मार चरम सीमा पर है । आप लोगों को बताते चलें कि खाने का तेल का भाव केवल पेपर में सस्ता हुआ है दुकानदार लोग ग्राहक को एक पैसे की कीमत कम करके नहीं बेच रहे हैं ₹230 लीटर सरसों का तेल आज भी धड़ल्ले से बाजार में बिक रहा है लगभग 2 साल से आम आदमी लोग कोरोना की मार से परेशान किसी तरह से जीवन यापन कर रहे हैं उस पर इतनी महंगाई किस तरह से लोग अपना जीवन यापन करें और तो और है ,, बाजार में सब्जी के भाव कद्दू ,लौकी का ₹40 किलो प्याज ₹80 किलो ,परवल ₹100 किलो, इस तरह से इतनी महंगाई होने से आदमी क्या करें किसी तरह से राशन की व्यवस्था करें सब्जी की बड़ी समस्या है,। एक समय था की दुकानों पर जाकर के तुरंत सामान खरीद के ग्राहक वापस अपने घर आता था लेकिन आज यह आलम है कि इतनी महंगाई की मार की वजह से दुकानदार सब्जी का रेट सुनकर के कुछ देर सोचता है उसके पश्चात घर वापस लौट आता है क्योंकि सब्जियों में केवल एक आलू ऐसा था जिसकी कीमत कम थी आलू से लोग किसी तरह सब्जी के रूप में प्रतिदिन प्रयोग करते थे लेकिन आज चाहे सफेद आलू लीजिए चाहे लाल आलू ₹25 किलो लाल आलू ₹30 किलो पुराना।, इस प्रकार से नए आलू का रेट का क्या कहना है 70 रुपया किलो इस तरह बाजार में इस तरह से धड़ल्ले बिक रहा है ।
आप लोगों को बताते चलें कि सब्जियों में एक सब्जी है बैगन सब्जी जिसका इससे पहले रेट ₹10 किलो ₹15 किलो था लेकिन आज आलम यह है कि बैगन का भी रेट ₹60 किलो हो गया है आम आदमी महंगाई की मार से किस तरह अपने आप को उभारे।
कुल मिलाकर कहना यह है कि क्या शासन-प्रशासन सब्जी मंडी या सब्जी विक्रेताओं के लिए कोई निश्चित मापन रेट नहीं है कोई कुछ लेट बेचता है कोई कुछ रेट बसता है जिसका जीता जागता सबूत मोतीगंज बाजार ,कहोबा चौराहा ,, गोपीगंज चौराहा नौबारा, और राजगढ़ बाजार में मनमाने ढंग से दुकानदार लोग सब्जियों को बेच रहे हैं। प्रशासन का उन्हें किसी प्रकार का कोई भय या तनाव नहीं है।
किस-किस सामान की महंगाई के बारे में बात किया जाए । सब्जी हो या खदान पदार्थ हो या डीजल,वा पेट्रोल हो हर एक की महंगाई चरम सीमा से बाहर है। यदि इसी तरह महंगाई बढ़ती रही तो आने वाले भविष्य में सरकार को इसके लिए वचनबद्ध होकर सोचना पड़ेगा नहीं तो आने वाले भविष्य में इसका प्रभाव इलेक्शन पर पड़ सकता है।