डीएम गोण्डा को दो सूत्रीय मांग पत्र सौप ,
अपनी मांग पर अड़े रहें जिलामुख्यालय के अधिवक्ता ।
सुरेश कुमार तिवारी
कहोबा चौराहा गोण्डा | मुंसिफ न्यायालय व ग्राम न्यायालय स्थापना के विरोध में चल रहा है अधिवक्ताओं का -आन्दोलन इक्कीसवें दिन भी रहा जारी ,
जिला बार व सिविल बार एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में अधिवक्ताओ ने अध्यक्ष दीनानाथ त्रिपाठी, राजेश कुमार मिश्र एवं महामंत्री मनोज कुमार सिंह, अनुज कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व मे इक्कीसवें दिन वृहस्पतिवार को सिविल कोर्ट परिसर जलूस प्रदर्शन करते हुए गेट संख्या दो पर धरना-प्रदर्शन किया।
वरिष्ठअधिवक्ताओं ने अपने सम्बोधन मे अधिवक्ताओं ने आरोप लगाया कि तीनों तहसीलो मे न्यायिक प्रक्रिया संचालित नही हो सकती है। यदि ग्राम न्यायालय के नाम पर तीनों तहसीलो पर मुंसिफ न्यायालय कायम की जाती है तो न तो न्यायालय की गरिमा बचेगी और न ही पीठासीन अधिकारी ही सुरक्षित रहेंगे।
आज के धरना-प्रदर्शन के दौरान सिविल कचहरी के गेट संख्या दो पर उत्साहित अधिवक्ताओ ने पूर्ण रूपेण से लाकडाउन बनाकर जनमानस के साथ एकत्र हुए और धरना-प्रदर्शन करते हुए देखे गये, साथ ही आज धरना-प्रदर्शन के पूर्व अधिवक्ताओ की कमेटी ग्राम न्यायालय के बावत जो बनी है, उन्होंन अपने अपने विचार धरना-प्रदर्शन पर उपस्थित अधिवक्ताओ को संबोधित किया। तहसील मनकापुर मे स्थापित किये गए ग्राम न्यायालय अधिनियम विधि विरूद्ध है , विधि आयोग की मंसा से पूर्ण रूपेण परे है ,
इसलिए ग्राम न्यायालय- मुंसिफ न्यायालय की स्थापना से
जहां गरीबो के न्याय से बंचित होना पड़ेगा गरीब मजलूम की जमीर- जमीन पर डाका डालने मे सफल होते नजर आएगें, फिल्मी दुनिया की न्याय व्यवस्था बनकर रह जाएगी, अगर यह न्यायालय सत्तासीन नेताओ के गृह होम की तहसील मे स्थापित होती है तो, धरना प्रदर्शन मे उपस्थित वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार पाण्डेय ने अपने उद्बोधन मे कहा कि जिस तरह से देश आजाद होने के बाद बने कानून प्रक्रिया के तहत संरपच को बहुत ही अधिकार दिये गये थे, परन्तु उनके दुरुपयोग से उसमे संशोधन कर न्याय व्यावस्था की वर्तमान स्थित तैयार हुई है, लेकिन वर्तमान सरकार अपने सुविधाजनक बनाने के लिए इस न्याय व्वास्था को अपंग करने की होड सी लग गयी है, सभा का संचालन संयुक्त रूप से अनुज कुमार श्रीवास्तव व मनोज कुमार सिंह ने किया और आभार प्रदर्शन वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार पाण्डेय ने किया।
धरना-प्रदर्शन स्थल पर उपस्थित दोनो बार के सैकड़ो अधिवक्ताओ मे जयदिनेश शुक्ल,उपेन्द्र मिश्र, माधव राज मिश्र, सुरेश प्रसाद पाठक, विन्देश्वरी प्रसाद दूबे, राजेश मिश्र, राम बुझारत, आलोक पाण्डेय, जमील खां,अनिल सिंह, अशोक तिवारी, विजय प्रकाश त्रिपाठी, कौशल किशोर पाण्डेय, रमेश कुमार दूबे, अनुपम शुक्ल,इन्द्रमणि शुक्ल, राजकुमार चतुर्वेदी,गिरवर चतुर्वेदी. रजनीश पाण्डेय,रामू प्रसाद, सन्तोष कुमार ओझा , विश्वनाथ सिंह, भगौती प्रसाद,भगौती प्रसाद मिश्र, राघवेंद्र सिंह,प्रभात शुक्ल, उत्कर्ष त्रिपाठी, राहूल,राजीव कुमार,अजय तिवारी, त्रिपाठी,जगन्नाथ शुक्ल,अजयविक्रम सिंह, रविप्रकाश पाण्डेय, गौरीशंकर चतुर्वेदी,रीतेश यादव,अतुल कुमार श्रीवास्तव,प्रमोद नन्दन श्रीवास्तव,इक़बाल बहादुर श्रीवास्तव,जयदिनेश शुक्ल,भगौती प्रसाद मिश्र, अविनाश पाण्डेय,उत्कर्ष त्रिपाठी,परशुराम मौर्य,नन्दकुमार शुक्ल,अविनाश पाण्डेय आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।