सुरेश कुमार तिवारी
कहोबा चौराहा गोंडा।’दुनिया के सर्वोत्तम मार्ग दाता थे तथागत बुद्ध जिन्होंने कहा कि मैं मोक्ष दाता नहीं हूँ ।मानव को दुःख मुक्त करने की आधारशिला धम्म है,धम्म का अर्थ नैतिकता है,तथागत के धम्म में आत्मा-परमात्मा,स्वर्ग-नर्क,भाग्य-भगवान,लोक-परलोक,पूर्व जन्म-पुनर्जन्म का कोई स्थान नहीं है।मानव अपने दुखों का जनक है यह उसके अच्छे बुरे कर्मों के कारण होता है न कि किसी शक्ति के शाप या चमत्कार से,तथागत ने मानव को दुःख से मुक्त करने के लिए मध्यम मार्ग का दर्शन दिया ।दुख का कारण एवं निवारण को नहीं जानना ही अविद्या है।कुशल कर्म से सुख और अकुशल कर्म से दुःख पैदा होता है।’उक्त विचार त्रिगुण पावनी बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर मास संगठन के राष्ट्रीय संगठक एकेनन्द ने सिसउर अन्दूपुर में मा.राम करन वर्मा बुद्ध विहार में व्यक्त किया।नंद किशोर वर्मा एडवोकेट एवं मास वालेंटियर्स फोर्स के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा कि वे मानव मूल्यों एवं मानव कर्तव्यों के संरक्षक थे ।घनश्याम जी ने कहा कि वह समाज एवं राष्ट्र को करूणा एवं मैत्री से एक सशक्त एवं विकसित देश बनाना चाहते थे।रक्षा राम ने कहा कि वह विश्व बंधुता के जनक थे ।सविता वर्मा ने कहा कि वे मानव मानव एक समान बुद्ध धम्म की यह पहचान के प्रवर्तक थे ।कार्यक्रम में राम पुजारी,अनीता,सुमन,अंकिता, सविता,इन्दु,अनूप,आयुष्मान, अमन,रक्षाराम वर्मा,एनके वर्मा,आरके चौधरी,अवधेश वर्मा आदि कार्यकर्ताओं ने शारीरिक दूरी के साथ कार्यक्रम में सहभाग किया।