अजीजुद्दीन सिद्दीकी
मनकापुर गोंडा। आजादी के दीवाने अमर शहीद राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी के 95वें बलिदान दिवस पर मंडल कारागार में आर्य समाज की ओर से वैदिक मंत्रों के साथ हवन -पूजन एवं शांति पाठ कराया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीएम मार्कण्डेय शाही व सीजेएम व अमर शहीद लाहिडी के जन्म स्थान ग्राम पवना बांग्लादेश से शोधकर्ता देवाहुति चौधरी, वनारस से महेश उपाध्याय, रामदास वर्मा व डॉ. राकेश्वरी प्रसाद सहित अन्य अधिकारियों, समाजसेवियों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। कारागार परिसर में हवन-पूजन करने के बाद सभी लोगों ने बलिदान स्थल पर स्थापित लाहिड़ी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनकी शहादत को याद किया। शहीदों की चिताओं पर लगेगें हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का यही बाकी निशां होगा के संकल्पों के साथ अमर शहीद को याद किया। लाहिड़ी के ग्राम पवना बांग्लादेश से आई शोधकर्ता ने उनके जन्म स्थान से लाई हुई मिट्टी को डीएम ने अपने हाथों से लाहिड़ी बलिदान स्थल पर समर्पित किया। अमर शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद लाहिड़ी को सलामी दी गई और जवानो ने बैण्ड बाजे पर राष्ट्रगान की धुन बजाई। बाद में शहीद दिवस पर आयोजित समारोह में सर्वधर्म समभाव के तहत सभी धर्मों के धर्म गुरूओं ने शांति पाठ किया गया। इस अवसर पर डीएम मार्कण्डेय शाही ने अमर शहीद लाहिड़ी के जीवन पर प्रकाश डाला और कहा कि सभी को उनसे प्रेरणा लेते हुए देश हित के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए, यही लाहिड़ी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। सीजेएम ने कहा कि लाहिड़ी जैसे व्यक्तित्व और सच्चे राष्ट्र भक्तों के बलिदानों के कारण ही हम सभी भारतीय आज आजाद भारत में सांस ले पा रहे हैं। सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने कहा कि लाहिड़ी का बलिदान युवाओं के लिए सबसे बड़ा उदाहरण है। देश को गुलामी की दास्तां से मुक्ति दिलाने के लिए 26 वर्ष की आयु में वतन के लिए फांसी के फंदे को हंसते हुए चूमने वाले उनका सम्पूर्ण जीवन प्रेरणा से भरा है। डीएम व एएसपी ने लाहिड़ी उद्यान परिसर में पौधरोपण भी किया। समारोह में अतिथि अधिकारियों ने जिले के एक मात्र जीवित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राम अचल आचार्य सहित अन्य सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया।