गोरखपुर। मुख्यमंत्री के क्षेत्र में अधिकारी गलत रिपोर्टिंग कर रहे हैं। अपनी विफलता छुपाने के लिए आंकड़ों में हेराफेरी में संकोच नहीं कर रहे। मंडलीय समीक्षा के दौरान कमिश्नर ने जब संस्थागत प्रसव की कुशीनगर जनपद की स्थिति जाननी चाही तो एक ही आंकड़ा अलग-अलग अधिकारियों ने अलग-अलग बताई। आंकड़ेबाजी से बिफरे कमिश्नर ने संस्थागत प्रसव की गलत रिपोर्टिंग करने पर सीएमओ कुशीनगर को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। कमिश्नर ने विभागीय कार्रवाई केलिए भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने डीएम कुशीनगर को भी नियमित बैठक करने को चेताया।
मंडलायुक्त अनिल कुमार ने निर्देश दिया कि कार्रवाई के संबंध में आवश्यक कागजात प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को भी भेजें ताकि सीएमओ के सर्विस बुक में भी दर्ज हो सके। मण्डलायुक्त ने यह कार्रवाई मण्डलीय समीक्षा बैठक में की है। मंडलके चारो जिले के जिलाधिकारी, सीडीओ, ए.डी हेल्थ एवं सीएमओ के साथ ही विभागीय मण्डलीय अधिकारियों की बैठक में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में आयुक्त ने पाया कि उन्हें जो रिपोर्ट दी गयी है उसमें संस्थागत प्रसव की उपलब्धि वार्षिक लक्ष्य का 84 प्रतिशत हैं जबकि अपर निदेशक स्वास्थ्य ने इसे 82.3 प्रतिशत बताया।
सीएमओ कुशीनगर ने 73.2 प्रतिशत बताया जबकि जिलाधिकारी कुशीनगर ने इसे 71.3 प्रतिशत बताया। मण्डलायुक्त ने इस स्थिति पर गहरा असंतोष व्यक्त किया तथा जिलाधिकारी को नियमित बैठक करके स्थिति सुधारने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने कहा कि पिछले 6 माह से यही स्थिति है और सीएमओ कार्यालय से कभी सही सूचना नही मिलती है। यह हालत तब है जब पहले रिपोर्ट बनाने वाला बाबू से यह काम लेकर दूसरे को दे दिया गया है। मण्डलायुक्त ने अब इसकी जिम्मेदारी सीडीओ कुशीनगर को सौंपी है। स्वास्थ्य विभाग सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जा रहा। इसका उद्देश्य गर्भवती महिला का प्रसव अनिवार्य रूप से अस्पताल में कराने के लिए लोगो को जागरूक किया जाता हैं। प्रत्येक माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर प्रत्येक गर्भवती महिला को दूसरे, तीसरे त्रैमास में सरकारी अस्पताल में जांच एवं उपचार किया जाता हैं। 11 अपै्रल सुरक्षित मातृत्व दिवस सीएमओ कुशीनगर के लिए ही असुरक्षित साबित हुआ।