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मुल्क के बटवारे के खिलाफ था खानकाहे हशमतिया और बरेली शरीफ :मौलाना कारी अब्दुस्समद हशमती

मोहम्मद मैनुद्दीन खान

मुल्क के बटवारे के खिलाफ था खानकाहे हशमतिया और बरेली शरीफ :मौलाना कारी अब्दुस्समद हशमती
मरकजी इदारा अलजामिअतुल हशमतिया मुशाहिद नगर में यौमे रजा पर आयोजित उर्स हजूर मुशाहिदे मिल्लत में मुसलमानों से शरीअत पर चलने की वकालत की।

मुशाहिद,नगर(गोण्डा) :-मुल्क आज़ाद होते ही बटवारे का गहरा ज़ख़्म इस पर लगा दिया गया मगर खानकाहे हशमतिया और बरेली शरीफ के उलमाए कराम इसके खिलाफ खड़े हो गये और पाकिस्तान के समर्थकों के खिलाफ तौबा करने का ऐलान कर मुल्क हिंदुस्तान के साथ बेपनाह मोहब्बत का सबूत पेश किया आज उन्ही उलमाये कराम की काविशों का नतीजा है कि मुल्क में करोड़ों मुसलमान आबाद हैं और बिरादराने वतन के साथ मिलजुलकर रहते हैं। उपरोक्त विचार बीती रात सदुल्लाह नगर गौरा चौकी रोड पर स्थित मरकजी इदारा अलजामिअतुल हशमतिया मुशाहिद नगर में यौमे रजा पर आयोजित उर्स हुज़ूर मुशाहिदे मिल्लत के अवसर पर संबोधित करते हुए मौलाना कारी अब्दुस्समद हशमती बस्तवी ने कही।
उन्होनें बताया कि हुजूर मज़हरे आला हज़रत मौलाना हशमत अली खान रहमतुल्लाह अलैह मुल्क के बटवारे को लेकर बहुत दुखी थे उन्हें यह गम सता रहा था कि अगर मुसलमान पाकिस्तान चला गया तो हज़रत गरीब नवाज,हज़रत निजामुददीन अवलिया,साबिर कलियरी,वारिसे पाक,हज़रत मख्दूम अशरफ सिमनानी,सैय्यद सालार मसऊद गाजी जैसे सैंकड़ों बुज़ुर्गों के आस्तानो के फैज से महरूम हो जायेगे। यही चिंता हुजूर मज़हरे आला हज़रत को रात दिन रुलाती थी आपकी जानिब से इशारा मिलते ही मुफ़्ती ए आजम ए हिंद ने ऐलान कर दिया कि जो पाकिस्तान का समर्थक है या किसी बिना पर रहा है वह हुजूर मज़हरे आला हज़रत के सामने तौबा करे और हिंदुस्तान से सच्ची मोहब्बत का सबूत पेश करे इस तरह हजारों हजार की संख्या में मुसलमानों ने पाकिस्तान का खंडन करते हुए हिंदुस्तान में रहने का फैसला किया। वहीं अल्लामा मुफ़्ती रियाज हैदर हनफी उतरौलवी ने कहा कि खानकाहे हशमतिया और बरेली शरीफ से हमेशा शरीअत की पासदारी होती रही है यहाँ के बुज़ुर्गों ने हमेशा शरीअत के खिलाफ प्रॉपगैंडा करने वालों से खुली जंग लड़ी है और सुन्नियत का परचम बुलंद किया है मगर आज अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि अपने आपको सुन्नी कहने वाले शरीअत की पाबंदी नहीं करते। उन्होनें ज़ोर देकर कहा कि मसलके आला हज़रत अहले सुन्नत वलजमाअत का तकाजा यह है कि हम रब के महबूब की शरीअत के पाबंद हो जायें।उन्होंने कह की आज के दौर मे पीरा मुरीदी एक ट्रेंड बन चुका है जिस को देखो वही मुरीद करता फिर रहा है।जबकि खानकाहे हशमतिया हो या बरेली शरीफ़ यहाँ से शरीअत की हिफाज़त और आम मुसलमानों में उस को लागों करने के लिऐ बड़ी से बड़ी कुर्बानियां पेश की गई।

 

उनके साथ अल्लामा मुफ़्ती अब्दुर्रहमान कादरी,मौलाना अदील खाँ हशमती,हाफ़िज़ व कारी अकबर अली,अलहाज सूफी शमीम बेग हशमती,मौलाना गुलाम मुर्तज़ा और मौलाना अली अहमद हशमती आदि ने संबोधित किया।प्रोग्राम का आगाज़ क़ारी मेहंदी हसन हशमती ने तिलावत क़ुरान से किया।प्रोग्राम की अध्यछता जामिया के प्रिंसीपल अल्लामा मुफ़्ती मोहम्मद मेहरान रज़ा खान हशमती, और संचालन अलहाज क़ारी शरफुद्दीन खान हशमती ने किया।इस मौके पर शोराऐ इस्लाम अकमल मुशाहीदी गोंडवी,अख़लाक़ महबूबी,शमीम रज़ा, मोहम्मद हुसैन,क़ारी शहज़ाद रज़ा,हाफ़िज़ सिराजुद्दीन हशमती, मौलवी रमज़ान हशमती,आदि ने नातों मनकबत पेश किया ,जबकि जामिया के प्रधानाचार्य मौलाना मेहरान रजा खाँ हशमती ने दुआ करते हुए मुल्क के अमन व अमान और खुशहाली के लिए दुआ की। इस अवसर पर मास्टर ग़ुलाम जीलानी बेग़, मौलान गुलाम जीलानी,हाफ़िज़ महमूदुल हसन बेग़,हाफ़िज़ सरफ़राज़ अहमद, क़ारी फ़ारूक़ अहमद,हाफ़िज़ रेहान रज़ा,अबरार अहमद खान उर्फ़ चाँद बाबु,अबरार अहमद खान,अफ़ज़ाल अहमद खान, अब्दुल ख़ालिक़,अब्दुल क़य्यूम खान, गुलाम हुसैन होटल वाले,सुहेल खान, तौसीफ़ रज़ा, मोईद खान,मेराज,अफ़ज़ाल अहमद खान,जमाल भाई,सद्दाम हुसैन,हाजी सलाहुद्दीन, इनामुल्लाह, मास्टर इरशाद अहमद,अब्दुल हलीम, अब्दुल मुस्तफ़ा, सद्दाम हुसैन, फरहान रज़ा, मैनुद्दीन खान, महबूब अहमद,शकील अहमद,इश्तियाक़ अहमद,आफ़ताब अहमद,मंज़ूर शाह,शौकत नेता,शाहिद भाई,रईस प्रधान,आदि हज़ारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।आख़िर में जलसे के कन्वीनर क़ारी अतहरुल क़ादरी हशमती ने बाहर से आये हुये महेमानो को समूहिक लंगर भी करवाया,एवं जश्ने यौमे रज़ा व उर्स हुज़ूर मुशाहीदे मिल्लत की मुबारक़ बादी दी।

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