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खनुआ गांव में १६ घंट़े से इलाज के लिए तड़प रही गुड़िया,अपनों व समाज ने भी मुंह फेरा

गोंडा । हमारा समाज कितना विकृत हो चुका है। इसकी बानगी देखनी हो तो सोनौली कोतवाली क्षेत्र के खनुआ गांव में आईए। १६ वर्ष गुड़िया नामक लड़की जिंदगी की जंग लड़ रही। लेकिन उसकी मदद के लिए न तो उसके मां बाप आगे बढ़ रहे ,और न ही गांव के कोई लोग।
गुड़िया शुक्रवार की शाम करीब छह बजे फंदे से लट़क गई थी। समय रहते उसके घर वालों ने उसे फंदे से उतारा, फिर ग्रामीणों की मदद से उसे प्राइवेट अस्पतालों में ले जाया गया ।
जहां गुड़िया की हालत गंभीर बताई गई। इलाज के लिए चिकित्सकों ने करीब एक लाख रुपये का खर्च बताया। ५० हजार तत्काल जमा करने को कहा। गुड़िया के पिता रामवृक्ष यादव ने पैसों के बावत हाथ खड़े कर दिये, गरीबी का हवाला दिया। गांव वालों ने भी मदद से अपने कदम पीछ़े खींच लिए। गुड़िया अपने घर के द्वार पर तड़प रही है। मौत का इंतजार कर रही है। क्योंकि जो उसकी मदद कर सकते हैं। वह छी छी थू थू कर तमाशा देख रहे हैं।
गुड़िया को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने वाला प्रेमी विशाल साहनी व उसके घर वाले गांव से फरार हैं।
ग्रामीणों जो कि बताने भर में आगे हैं। बताया कि गुड़िया का विशाल से प्रेम संबंध चल रहा था। दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे। लेकिन यह बात विशाल के घर वालों को नहीं मंजूर था। शनिवार की शाम विशाल की मां व उसके घर के अन्य सदस्य गुड़िया के घर पहुंचे। झगड़ा करने लगे, तमाशा बनाया कि “अपनी बेट़ी को संभाल मेरे बेट़े पर ड़ोरे ड़ाल रही है”।
गुड़िया की मां सफाई देने लगी कि नहीं ऐसा नहीं है। फिर भरे भीड़ व गांव के बीच विशाल की मां एक मोबाइल फोन लेकर आई। रिकार्ड़िंग सुनाने लगी। जिसमे गुड़िया व विशाल की वार्ता थी।
गुड़िया अवाक् सी खड़ी रही, जब गुड़िया के माता पिता व वहां मौजूद लोगों ने रिकार्ड़िंग सुनने के बाद उसे शर्म और घृणा की निगाह से देखा। तो गुड़िया अपने घर के कमरे की तरफ दौड़ी। लोग बाहर हो हल्ला व झगड़े में मस्त रहे। उधर गुड़िया फंदे से लट़क गई ।

विजय चन्द बरनवाल
Infront of Nagar Palika Nautanwa Ward No 25 Gandhi Nagar Nautanwa

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