मधुबन(मऊ)- थाना क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों में मधुबन, मर्यादपुर, रामपुर बेलौली,दुबारी, तिनहरी, कटघरा शंकर, चन्द्रापार, फतहपुर तालरतोय,सुग्गीचौरी, सिपाहइब्राहिमाबाद, गजियापुर,सूरजपुर आदि बाजारों में इन दिनों सरकारी स्तर पर चल रही देशी शराब की दुकानों पर प्रति सीसी अंकित मूल्य 45 रूपए के बावजूद भी धड़ल्ले से 50 से 55 रूपए की दर से खुलेआम शराब बिक रही है। वही अधिक मूल्य की मार के चलते कच्ची शराब का कारोबार अब जोर पकड़ने लगा है। यह धंधा विभागीय लापरवाही के चलते थमने का नाम नहीं ले रहा है। नाम न छापने की शर्त पर शराब का सेवन लुक-छिप कर करने वालों का कहना है कि सरकारी स्तर पर देशी शराब की बिक्री अधिक मूल्य दर पर धड़ल्ले से किया जा रहा है। इसके चलते अवैध शराब उत्पादन के धंधे को बढ़ावा देने की बात बताई है। शराब के शौकीन लोगों ने कहा कि सरकारी शराब के ठेकों पर बिकने वाली सीसी के अंकित मूल्य 45 के बजाए 50 से 55 रूपए में मिलावट खोरी के बीच धड़ल्ले से बेंची जा रही है। उनका आरोप है कि अंकित मूल्य को दिखाने पर ठीके के सेल्समैन का जवाब रहता है कि आबकारी विभाग की शह पर बिक्री प्रिंट मूल्य को दर किनार कर किया जा रहा है। क्योंकि प्रति माह निकासी के दौरान उनको भी हिसाब देना पड़ता है। सरकारी स्तर पर बिक्री में हो रहे ओवर रेटिंग के चलते चीनी के दाम के सापेक्ष में गुड़ की कीमत बढ़ गई है। गुड़ के मिश्रण से तैयार होने वाली अवैध शराब की खपत कम दाम के चलते बढ़ गई है। अवैध धंधे को रोकने में कहीं न कहीं आबकारी विभाग की भूमिका को लोगों द्वारा संदिग्ध करार दिया जा रहा हैं। इस संदर्भ में दूरभाष के जरिए आबकारी निरीक्षक घोसी नामवर सिंह से पूछा गया तो निरूत्तर हो गए और फोन काट दिए। दूबारा फोन रीसिव नही हुआ।