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400 आंगनबाड़ी केन्द्रों का होगा कायाकल्प, बनेंगें बेबी फ्रेंडली शौचालय

इकबाल खान
बलरामपुर। जिला प्रशासन ने सभी नौ ब्लाकों में कई सालों से जर्जर पड़े आंगनबाड़ी केन्द्रों को मार्डन आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने की कवायद शुरू कर दी है। प्रभारी डीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प करने के लिए कमर कस ली है। बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में प्रभारी डीएम व सीडीओ कृतिका ज्योत्सना ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार प्रदेश में मातृ शिशु मृत्युदर कम करने और गर्भवती महिलाओं व परिजनों को जागरूक करने के लिए बचपन दिवस, ममता दिवस, लाडली दिवस, सुपोषण मेला, किशोरी दिवस और गोदभराई दिवस जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। योजनाओं के सहीं ढंग से क्रियान्वयन के लिए आवश्यक है कि जिले के सभी जर्जर व खराब हो चुके आंगनबाड़ी केन्द्रों को पुनः कायाकल्प करके उनमें सुविधाएं दी जाएं। उन्होने कहा कि प्रथम चरण में करीब 400 जर्जर आंगनबाड़ी केन्द्रों का कायाकल्प किया जाएगा। केन्द्रों की मरम्मत, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, बेबी फ्रेंडली शौचालय, दीवारों पर बच्चों को आकर्षित करने के लिए कार्टून व विभाग की योजनाएं, बिजली व बच्चों के खेलने के लिए खिलौने रखने की भी व्यवस्था है। प्रभारी डीएम ने सत्येन्द्र सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिया कि सभी सीडीपीओ आरईएस के जेई के साथ प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर जाकर निरीक्षण करें और रिपोर्ट बनाकर उन्हे दें। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि पहले से भी जिले में ग्राम पंचायत के द्वारा 210 नये आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कराया जा रहा है जिसमें से 191 आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण पूरा हो चुका है। बैठक के दौरान जी.के. पाठक जिला विकास अधिकारी, एई डीआरडीए, सीडीपीओ महजबी बेगम, संजीव कुमार, डा. संदीप कुमार, राकेश शर्मा, इंदू सिंह, गरिमा श्रीवास्तव, नीलम कश्यप, रीनम सिंह, उषा मिश्रा व रेनू जायसवाल आदि उपस्थित रहे।

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