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उर्सला में अव्यवस्थायों से जूझ रहे मरीज व तीमारदार

 दौरे, निरीक्षण, निर्देशो का यहां नही होता अस
कानपुर नगर | सरकारी तंत्र किस गिरी हुई मानसिकता और अव्यवस्थाओ से कार्य करता है इसकी झलक देखपी है तो आपको  उर्सला में दिख जायेगी। उर्सला अस्पताल में आये दिन किसी न किसी नेता, प्रतिनिधी, अधिकारियों का निरीक्षण होता है। खमियां मिलने पर निर्देश भी दिये जाते है लेकिन यहां किसी आदेश या निर्देश पर किसी प्रकार का ध्यान नही दिया जाता है। मरीजो के साथ तीमारदारे को ही लगना पडता है। टेस्ट के लिए ले जाना हो या कुछ और काम। हर काम के लिए यहां पैसा देना पडता है। इस उर्सला के खामियों में इससे बडी खामी क्या हो सकती है कि अस्पताल में जितने बेड है उतने पंखो की व्यवस्था तक नही है। मीरज और तीमारदारों को ऐसी भीषण गर्मी का समना करना पड रहा है।
उर्सला अस्पताल में दुव्र्यवस्था के चलते मरीजो और तीमारदारों को परेशानी झेलनी पड रही है। शहर में डेंगू, स्वाइन फ्लू, मलेरिया के साथ वायरल फीवर की बीमारी फेली है और इनकी चपेट में आकर रोज दर्जनो मरीज उर्सला पहुंच रहे है। यहां बेड पर्याप्त है लेकिन उससे ज्यादा अव्यवस्थाये है। स्टाॅफ की लापरवाही के साथ बाहर से दवाई तो लानी ही पड रही है साथ ही यहां बेडो के उपर पंखे तक नही लगे है। जो बेड खाली होता है तीमारदार वहां का पंखा निकाल कर अपने बेड पर लगा लेते है। तीमारदार अपने घरों से पंखा लेकर आते है और जो लोग दूर से आते है वह हांथ वाले पंखे से किसी प्रकार समय काट रहे है। कुछ तीमारदारो ने बताया कि अस्पताल की बिजली व्यवस्था की काफी गडबड है साथ ही पंखे न होने के कारण मरीज को काफी परेशानी होती है। बताया कि मरीजो के साथ आये तीमारदार एक दूसरे का सहयोग करते है, जबकि दो दिन पूर्व जनवादी महिलासभा द्वारा सीएमओ को ज्ञापन देकर अस्पतालों की अव्यवस्थाओं से अवगत कराया गया था, जिसपर सीएमओ ने कहा था कि उर्सला में कोई अनमियतता नही है लेकिन उर्सला अस्ताला में जाने के बाद आपको कोई भी सही व्यवस्था नही दिखाई पडेगी।

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