गंगाघाट अपराध संवाददाता विकास श्रीवास्तव
उन्नाव। गंगाघाट कोतवाली के अंतर्गत विभिन्न जगहों पर होते रहेंगे रंगारंग कार्यक्रम नगर में आधुनिक भारत के निर्माता डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर के जन्म दिवस को पंचशील बौद्ध विहार संस्था ने राजधानी मार्ग कोतवाली गंगा घाट के पास चित्रों पर माल्यार्पण कर संस्कृत कार्यक्रम के साथ कवि सम्मेलन कर जन्म दिन धूमधाम से मनाया कवियों ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जीवन के संघर्ष पर कविताएं पढ़कर लोगों को मत मंत्रमुग्ध किया वही बच्चों ने भारत के जननायक भीमराव अंबेडकर के जीवन पर छोटी-छोटी कविताएं नाटक प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया वही संस्था के पदाधिकारियों ने भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके महान व्यक्तित्व व विचारों को बताया और कहा कि भारतीय संविधान के जनक डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म दिन 14 अप्रैल को हर साल जयंती देश भर में मनाई जाती है। डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर को भारत के महान व्यक्तित्व और नायक के रूप में जाना जाता है। अंबेडकर जी खुद एक दलित थे। इस वजह से उन्हें बचपन से ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। ‘भारतीय संविधान के पिता’ डॉ. बी आर अंबेडकर आजादी के बाद भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री बने। देश के विकास में कई तरह से योगदान देने वाले अंबेडकर जी के सम्मान में ही हर साल उनके जन्मदिवस देशवासी बड़ी धूमधाम से मनाते हैं
भारतीय संविधान के जनक डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की जयंती के दिन भारत सरकार ने सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। देश की आजादी से लेकर कानूनी संरचना को विकसित करने में उनकी भूमिका अहम थी, जिसका स्मरण लोग उनके जन्मदिवस पर करते हैं। बता दें कि देश से जाति प्रथा जैसी कुव्यवस्था को हटाने के लिए बाबासाहेब ने तमाम आंदोलन किये थे। एक दलित परिवार से ताल्लुक रखने वाले डॉ. अंबेडकर ने अपने बचपन में भी कई यातनाएं झेली थीं जिनका गहरा असर उनके व्यक्तित्व पर पड़ा।
सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों इस दिन को मनाया जाता है। इस दिन को समानता दिवस और ज्ञान दिवस के रूप में भी जाना जाता है। भीमराव अंबेडकर ने अपना पूरा जीवन सामाजिक बुराइयों जैसे छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ संघर्ष में लगा दिया। पूरे विश्व में उनके मानवाधिकार आंदोलनों, उनकी विद्वता जानी जाती है। इस दिन सभी सरकारी दफ्तरों और देश के बौद्ध विहारों में उनकी जयंती मनाई जाती है और उनके विचारों को स्मरण कर नमन किया जाता है। सिर्फ यही नहीं, हर साल भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति व दूसरे गणमान्य लोग उनके योगदान को याद करते हैं। उनकी प्रतिमाओं पर पुष्पमाला अर्पित किये जाते हैं। खासकर महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में उनकी जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। कई सामाजिक संगठनों में उनसे जुड़े प्रश्नों के आधार पर क्विज, परिचर्चा, वाद-विवाद, भाषण, निबंध तथा उनके जीवन परिचय के बारे में तथा मानव जाति के लिए किए गए संघर्ष पर चर्चा की जाती है वही ग्रामीण क्षेत्र के लटियारन खेड़ा (हैबतपुर) में मानव विकास संस्थान ने मुख्य अतिथि डॉ जी पी मानव ने डॉ भीमराव अम्बेडकर के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपने विचार रखे और कहा कि भारतीय क्षितिज पर दीव्यामान सूर्य के भांति प्रकाशमान विश्व में ज्ञान के प्रतीक आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों, शोषितों, वंचितों अल्पसंख्यकों, गरीबों, मजदूरों, मजलूमों, किसानो वह नारी जाति के मुक्तिदाता तथा समाज को एकजुट व जागृत करने वाले बाबा साहेब बददरी प्रसाद, मेजर संतराम,मनोज कुमार , गंगा प्रसाद ,परागी लाल ,प्रो0 दिलीप ,अजय पाल ,जे जे लाल ,पुत्तन लाल ,राजेन्द्र गौतम ,अमन गौतम,मुकेश गौतम ,सतीश गौतम,के0डी0 बाबू ,शैलेंद्र त्यागी,अवधेश गौतम,रमाकांत ,देसराज भारती, श्याम बिहारी,संतोष कपूर ,रेखा गौतम ,राजकुमारी गौतम,उर्मिला सभासद ,प्रदीप कुमार दिवाकर, बताए मार्ग पर चलने को कहा इस शुभ अवसर पर देवेश,, दीपू, एस के स्वामी,शिवकुमार ,अशोक कुमार, बाबूलाल, नरेंद्र बीडीसी ,दीपक, महेंद्र ,दयाशंकर ,विद्या देवी ,नन्ही देवी ,हरिप्रसाद कुरील, संतलाल बद्रीप्रसाद, मेजर संतराम,मनोज कुमार , गंगा प्रसाद ,परागी लाल ,प्रो0 दिलीप ,अजय पाल ,जे जे लाल ,पुत्तन लाल ,राजेन्द्र गौतम ,अमन गौतम,मुकेश गौतम ,सतीश गौतम,के0डी0 बाबू ,शैलेंद्र त्यागी,अवधेश गौतम,रमाकांत ,देसराज भारती, श्याम बिहारी,संतोष कपूर ,रेखा गौतम ,राजकुमारी गौतम,उर्मिला सभासद ,प्रदीप कुमार दिवाकर, आदित्य गौतम सहित हजारों अनुयायियों ने भाग लिया।