किसी भी दशा में गंगा नदी में शव प्रवाह न किए जाएं
उन्नाव। (सू0वि0) जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने उप जिलाधिकरियों को निर्देश दिये कि जनपद की किसी भी तहसील क्षेत्रान्तर्गत स्थित निर्धारित घाटों पर मृत शरीर का जल प्रवाह किसी भी दशा में न होने पाये। जो लोग शव जलाते हैं उन्हें अगर लकड़ी की समस्या हो रही हो तो ऐसे लोगों को लकडी की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये।
जिलाधिकारी ने बताया कि निगरानी समितियों एवं रैपिड रिस्पांस टीम के द्वारा किये जा रहे सर्वे एवं टेस्टिंग के कार्यों में अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद में जहां पर परम्परागत रूप से शव दफनाये जाते है वही पर शव दफनाया जाये। कोविड-19 से मृत्यु होने की दशा में कोविड-19 के प्रोटोकाल का अनुपालन सुनिश्चित कराते हुये अन्तिम संस्कार कराये जाये और यह भी सुनिश्चित करे कि किसी भी दशा में उल्लघंन न हो। उन्होंने यह भी कहा कि यदि परम्परागत तरीके से दफनाये जाते है तो वहां पर्याप्त गहरायी में दफनायें जायें, जिससे शव जमीन से बाहर न निकले और यह भी सुनिश्चित किया जायें कि इन स्थलों पर कोई जानवर/कुत्ते आदि न जाने पाये। उन्होंने सख्त निर्देश देते हुये कहा कि निरन्तर निगरानी सुनिश्चित करते हुये समस्त स्थलों पर आवश्यकतानुसार पुलिस बल एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है वे कडायी से अनुपालन सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद उन्नाव में स्थिति गंगा नदी में बहाव में बहते हुये शव जैसी अफवाह पर नजर बनायी रखी जाये। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के किनारे स्थित बालूघाट/पक्काघाट शुक्लागंज, रौतापुर, परियर घाट में जनपद के अगल बगल के जनपदों से शवों को अन्तिम संस्कार हेतु आते है तो पौराणिक व्यवस्था के अनुसार अभी तक शवों को दफन करने, एवं दाह संस्कार से अन्त्येष्टि होती रही है।
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जिला सूचना कार्यालय, उन्नाव।