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एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाना आज की आवश्यकता : डॉ0 सिंह

संवाददाता सत्यपाल सिंह
सिधौली-सीतापुर। कृषि विज्ञान केन्द्र अम्बरपुर, सीतापुर के तत्वाधान में इंटीग्रल विश्वविद्यालय, लखनऊ में अध्ययनरत कृषि स्नातक चतुर्थ वर्ष की छात्राओं का ग्रामीण कृषि कार्यानुभव कार्यक्रम संचालित है। जिसके अन्तर्गत केन्द्र द्वारा ज्ञानवी तिवारी के नेतृत्व में 8 छात्राओं के समूह को सिधौली विकास खण्ड का टिकौली गांव आवंटित किया गया था। छात्राओं ने केन्द्र के मार्गदर्शन में ग्राम पंचायत के आधारभूत आंकड़ों का संकलन किया, खेती – किसानी की परिस्थितियों, किसानों की समस्याओं आदि का ग्रामवासियों के सहयोग से विधिवत अध्ययन किया एवं किसानों को तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने एवं उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करने हेतु एक कृषि गोष्ठी का आयोजन भी किया गया।
गोष्ठी की शुरुआत में आफरीन फातिमा ने गोष्ठी में आए हुए अतिथियों एवं महिला एवं पुरूष किसान भाइयों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।
तकनीकी सत्र में छात्राओं ने अपने द्वारा किए गए कार्यों एवं किसानों की समस्याओं पर चर्चा की तथा ज्ञानवी तिवारी ने एकीकृत कृषि प्रणाली, कविता पाण्डेय ने श्रम कार्ड, भावना चौधरी ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड, आयुषी सिंह ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, शिवा तिवारी ने खेती किसानी पर कविता, यशी गुप्ता ने जैविक खेती, साक्षी शुक्ला ने एकीकृत कीट प्रबंधन, आफरीन फातिमा ने पशुपालन पर जानकारी प्रदान की कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ0 विनोद कुमार सिंह ने एकीकृत कृषि प्रणाली, मृदा स्वास्थ्य में गिरावट के कारण एवं उनके सुधारात्मक उपाय, फसलों की लागत कम करने, गुणवत्तायुक्त उत्पादन में वृद्धि एवं उचित मूल्य प्राप्त करने के तकनीकी बिंदुओं पर चर्चा करते हुए फलों तथा सब्जियों में मूल्य संवर्धन पर जानकारी प्रदान की। डॉ0 सिंह ने अपने सम्बोधन में किसानों सुझाव दिया कि यदि आप लोग खेती – किसानी के तकनीकी पहलुओं को ध्यानपूर्वक अपनाएंगे तो अवश्य ही फसलों की लागत में कमी आएगी तथा सही समय पर गतिविधियों को करने एवं उचित देखभाल करने पर गुणवत्ता युक्त उत्पादन में वृद्धि होगी जिसके फलस्वरूप बाजार में उसका उचित मूल्य प्राप्त होगा। यदि बाजार में हमें और अधिक मूल्य प्राप्त करना है तो फसल उत्पादों में मूल्य संवर्धन करना होगा। कृषि को उद्यम का रुप देने एवं टिकाऊ बनाने के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाना आवश्यक है जिससे किसानों की आय तो दोगुनी होगी ही साथ ही साथ समय-समय पर धनार्जन होता रहेगा जिससे कभी भी धनाभाव का सामना नहीं करना होगा। वैज्ञानिक उमेश कुमार सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन एवं एकीकृत पोषक प्रबंधन पर विस्तार से जानकारी प्रदान की। अंत में किसानों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया। गृह विज्ञान विशेषज्ञ ऋचा सिंह ने मानव शरीर के विकास एवं स्वस्थ रखने में पोषक तत्वों का महत्व, कुपोषण के कारण एवं निदान तथा संतुलित आहार के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर टिकौली गांव के प्रधान अखिलेश कुमार, प्रगतिशील किसान रमेश चन्द्र, अरुण कुमार, बृजलाल, शैलेंद्र कुमार, गया प्रसाद ने छात्राओं द्वारा गांव में किए गए कार्यों की सराहना की तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम के अन्त में शिवा तिवारी ने समस्त आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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