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आज से बदले अंदाज में शुरू होगा संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान

दस विभागों के साझा प्रयासों से हारेंगे मच्छरजनित रोग

सीतापुर, । कोरोना संक्रमण को देखते हुए बुधवार (1 जुलाई) से शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान का अंदाज इस बार बदला हुआ नजर आएगा। इस बार न तो स्कूली बच्चे जागरूकता रैली निकालेंगे और न ही गांव-गांव प्रभात फेरियां निकाली जाएंगी। अभियान से जुड़े लोग इस बार किसी के दरवाजे की कुण्डी नहीं खटखटाएंगे । अभियान के दौरान सोशल डिस्टेंशिंग का पूरा ख्याल रखा जाएगा। 31 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान को लेकर आशा व एएनएम को प्रशिक्षित करने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस आशय की जानकारी देते हुए सीएमओ डॉ. आलोक वर्मा ने बताया कि बरसात में जलभराव के कारण मच्छर पैदा होने से संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा भी रहेगा।
सीएमओ ने बताया कि संचारी रोगों व दिमागी बुखार के नियंत्रण के लिए जन जागरूकता का होना अति आवश्यक है। अभियान के दौरान एएनएम, आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सफाई कर्मचारी दस्तक अभियान के दौरान संक्रामक रोगों, मच्छर जनित रोगों और कोरोना के बारे में जानकारी देंगे और उन्हें बचाव के उपाय बताएंगे। प्रशिक्षण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को बताया गया कि स्वच्छता, शुद्ध पेयजल, मच्छरों की रोकथाम, खुली नालियों को बंद करना, जलभराव को रोकना, खुले में शौच पर रोकथाम से बीमारियों पर सीधा प्रहार किया जा सकता है। इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही अन्य विभाग भी शामिल हो रहे हैं। उन सभी को पूरी जानकारी दे दी गई है।
जागरुकता व साफ-सफाई से करें बचाव –
सीएमओ ने बताया कि संचारी रोग मच्छरों से फैलने वाले वह संक्रामक रोग हैं जो किसी न किसी रोग जनित कारको (रोगाणुओं) जैसे प्रोटोज़ोआ, कवक, जीवाणु, वायरस आदि के कारण होता है, जो गुणात्मक रूप से एक शरीर से दूसरे शरीर में फैलता है। मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, दिमागी बुखार, एईएस-जेई, कालाजार के साथ-साथ वर्तमान में कोरोना इत्यादि संक्रामक रोगों के उदाहरण हैं। इन रोगों से जागरुकता व साफ-सफाई के माध्यम से ही बचा जा सकता है। जिला चिकित्सालय सहित सभी सीएचसी व पीएचसी पर संचारी रोगों की जांच और उपचार की नि:शुल्क व्यवस्था है।
तेजी से कम हो रहे संचारी बीमारियों के रोगी –
जिला महामारी रोग विज्ञानी डॉ. विवेक सचान ने बताया कि जिले में बीते सालों में जेई और एईएस के मरीजों में कमी आई है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में जिले भर में जेई व एईएस के कुल 209 मरीज मिले थे। वर्ष 2019 में यह संख्या घटकर महज 169 रह गई। इस साल जनवरी से अब तक कुल 15 मरीज मिले हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संचारी रोगों के उपचार के लिए जिला अस्पताल में एक केयर यूनिट बनाई गई है। इसके अलावा जिले के 12 सीएचसी पर इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर की स्थापना की गई है।
विभागों की सहभागिता –
संचारी रोग नियंत्रण अभियान में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आईसीडीएस, शिक्षा विभाग, नगर निगम/ शहरी विकास, कृषि विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, दिव्यांग कल्याण, सूचना विभाग, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग, संस्कृति विभाग व स्वच्छ भारत मिशन की सहभागिता होगी।

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