रायबरेली(आरएनएस) । समाज के अति पिछड़े तबके के होनहार युवको को मुख्य धारा से जोड़ने के लिये लखनऊ के युवा इं0 सलिल सहाय ने क्रांतिकारी कदम उठाते हुये पिछड़े वर्ग के गरीब युवकों को निःशुल्क प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने का बीड़ा उठाया है। वह निरंतर इस पावन कार्य में तनमयता से लगे हुये हैं।
इस अर्थ युग में जहां लोगो ने शिक्षा को एक व्यवसाय बना दिया है वहीं सहाय का यह कदम काबिले तारीफ है। जिन्होंने पिछड़े तबके के होनहारों को निःशुल्क प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये तैयार करने का संकल्प लिया है। उनका कहना है कि जब तक पिछड़े समाज को आगे बढ़ाने का संकल्प पूरा नहीं हो जाता तब तक वह निरंतर यह कार्य करते रहेंगे। श्री सहाय ने एमबीए और एमसीए करने के बाद रोजगार करने के बजाय गरीब बच्चों को रोजगार के अवसर प्रदान करना ज्यादा मुनासिब समझा। इसलिये उन्होंने इसकी शुरूआत सहाय सर की क्लास के नाम से कोचिंग शुरू की। जिसमें गरीब बच्चों को आगे बढ़ाने के लिये निःशुल्क शिक्षा का अभियान अनवरत चला रहे हैं। उन्होंने इसकी शुरूआत 2006 में कक्षा 9 व 10 के बच्चों से की। अब इसका स्वरूप बढ़कर आईआईटी, नीट तक हो गया है। जिन गरीब बच्चो की डाक्टर बनने की ख्वाहिश मन में ही रह जाती थी, अब उनके सपनों को भी पंख लगाने के लिये इस कोचिंग ने बीड़ा उठाया है। इंजीनियर सलिल सहाय ने लखनऊ के उद्यान-2 द रियल डाइमेन्शन एल्डिको में खुली यह कोचिंग गरीब बच्चों के सपनों को साकार करने के लिये निरंतर प्रयासरत है।