47 को मृत्युदण्ड व 3747 को मिली उम्रकैद की सजा
अभियोजन में उल्लेखनीय योगदान के लिए किये गये सम्मानित
फैजाबाद। सजा कराओ अभियान के तहत अभियोजन अधिकारियों, शासकीय अधिवक्ताओं और पुलिस के नोडल अधिकारियों के सहयोग से मुकदमों में सघन पैरवी कर शातिर अपराधियों को सजा दिलाने में उल्लेखनीय सफलता मिली है। अभियान के तहत जहां 74 को मृत्युदण्ड की सजा दी गयी वहीं 3745 को उम्रकैद का दण्ड दिया गया है। यह जानकारी पुलिस महानिदेशक अभियोजन डा. सूर्य कुमार ने पत्रकार वार्ता के दौरान दी। इस मौके पर पुलिस महानिदेशक अभियोजन ने अपराधियों को सजा दिलाने में विशेष योगदान देने वाले लोगों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
सम्मानित होने वालों में अभियोजन के एसपीओ विक्रम यादव, एसपीओ रवीन्द्र सिंह, अधिवक्ता डीजीसी अशोक कुमार पाण्डेय, एडीजीसी शहाब अख्तर खां, पुलिस विवेचक सीओ अयोध्या दिनेश कुमार, चैकी प्रभारी नयाघाट श्रीनिवास पाण्डेय, कोर्ट मुहर्रिर, आरक्षी सलामुद्दीन शाह, व आरक्षी अरूण कुमार सिंह, पैरोकार अयोध्या कोतवाली जनकधारी व दिनेश कुमार शामिल हैं। यही नहीं साहसपूर्ण और बिना भय के गवाही देकर शातिर अपराधी को सजा दिलाने वाले गवाह लाल मोहम्मद व रघुबीर को भी सम्मानित किया गया।
डा. सूर्य कुमार ने बताया कि फैजाबाद में अभियान के दौरान 10 वर्ष से कम 751 अपराधियों और 10 वर्ष से अधिक की सजा 170 अपराधियों को दी गयी। 2549 अपराधियों की जमानत निरस्त करायी गयी। फैजाबाद परिक्षेत्र में 2387 अपराधियों को 10 वर्ष से कम की सजा और 708 अपराधियों को 10 वर्ष से अधिक की सजा दी गयी। परिक्षेत्र में 8653 अपराधियों की जमानते निरस्त करायी गयीं। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान प्रदेश स्तर पर 1 जुलाई से 8 अप्रैल तक कुल 56524 अपराधियों को सजा दी गयी। इनमें से 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा पाने वाले अपराधियों की संख्या 10307 है। 10 वर्ष से कम की सजा पाने वाले अपराधियों की सजा 4617 है जिनमें से 47 अपराधियों को मृत्युदण्ड की सजा दिलायी गयी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तर पर 229687 अभियुक्तों की जमानते खारिज करायी गयीं इस दौरान प्रदेश स्तर के 6607 टापटेन अपराधियों की जमानते खारिज हुईं। मादक पदार्थों की बड़ी मात्रा में तस्करी करने वाले और दहेज उत्पीड़न, डकैती, अपहरण व हत्या के मामलों में बड़ी संख्या में अपराधियों को सजा दिलाई गयी। उन्होंने बताया कि शासन के आदेश पर सजा कराओ अभियान चलाया गया जिसमें प्रदेश स्तर पर अलग-अलग जनपदों में फौजदारी के शासकीय अधिवक्ताओं अभियोजकों, थाने के पैरोकारों और गवाहों जिनकी पैरवी से अभियुक्तों को अधिक से अधि सजा से दण्डित कराना सम्भव हो गया उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर मै सम्मानित कर रहा हूं। अभियान का नतीजा रहा है कि प्रदेश स्तर पर पैरवी में सुधार दिखाई पड़ रहा है। गवाहों में आत्म विश्वास जागृत हुआ है और वह भयमुक्त होकर गवाही दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि 13 अक्टूबर 2015 से 8 अप्रैल 2017 तक 3898 चिन्हित हिस्ट्रीशीटर और सक्रिय अपराधी को सजा करायी गयी। 1 फरवरी 2016 से 8 अप्रैल 2017 तक सदर/ थानों के मालखानों में रखे 438124 सामानों/वाहनों का अभियोजन व पुलिस विभाग द्वारा निस्तारण कराया गया। 14 सितम्बर 2015 से 8 अप्रैल 2017 तक प्रदेश में 896896 सम्मन/वारंट तामील हुए तथा 498680 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया। 5 अक्टूबर 2015 से 8 अप्रैल 2017 तक 54461 गम्भीर मुकदमों को अधीनस्त न्यायालय से सत्र न्यायालय में सुपुर्द कराकर सुनवाई शुरू करायी गयी।
उन्होंने बताया कि निदेशालय स्तर पर कंट्रोलरूम की स्थापना की गयी है प्रदेश स्तर की हेल्पलाईन शुरू कर दी गयी है जिसके द्वारा कानून व्यवस्था से सम्बन्धित व गवाहों को मार्गदर्शन देने का कार्य किया जायेगा। यदि किसी पीड़ित वादी या गवाह की समस्या का समाधान नहीं होता है तो सुरक्षा व मदद के लिए 100 नम्बर डायल करके थाने व क्षेत्र के अधिकारियों को सूचित कर दें। अभियोजन निदेशालय के कंट्रोलरूम के टेलीफोन नम्बर 0522-2305780 व सीयूजी नम्बर 9454456512 पर सूचना दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि पीड़ितों और गवाहों की सुरक्षा के लिए यलोकार्ड वितरित किये जा रहे हैं और पीड़ितों को क्षतिपूर्ति दिलाये जाने के सम्बन्ध में सभी जनपदीय अभियोजन अधिकारियों को निर्देश निर्गत किये जा चुके हैं कि वह अधिक से अधिक पीड़ितों का चिन्हांकन कराते हुए उन्हें क्षतिपूर्ति दिलाने में सहयोग करें।