कनपुर नगर | एंबुलेंस कर्मचारी संघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर हडताल कर दी गयी, जिसके कारण कानपुर सहित आसपास के जिलों में 108 व 102 एंबुलेंस सेवा ठप्प हो गयी और मरीज बेहाल हो उठें। एंबुलेंस सेवाये बंद होने से हाहाकार मच गया। वहीं ग्रामीण आंचल में काॅल के बाद भी एबुलेंस नही पहुंची, जिससे मरीज को अस्पताल तक लाने में लोग परेशान रहे।बताते चले कि कानपुर नगर व आसपास के ग्रामीण आंचलों से मरीज व गंभीर लगभग 500 पेशेन्ट रेफर होकर जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज के हैलट अस्पताल आते है। इन मरीजों को अस्पताल तक लाने का काम 108 व 102 एंबुलेंस सेवा द्वारा किया जाता है लेकिन एंबुलेंस सेवा के चालक एवं इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशिन ने काम बंद कर हडताल कर दी है। सोमवार को कुछ ही देर में हडताल का असर दिखायी पडने लगा और ग्रामीण क्षेत्रों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो पर मरीज तथा तीमारदार परेशान दिखाई देने लगे। गंभीर अवस्था में घायल व गर्भवती एवं प्रसूतओं को भेजने में लोगो को दिक्कत उठानी पडी। स्वास्थ्य विभाग की 108 तथा 102 एंबुलेंस सेवा कर्मचारी संघ के बैनर तले चालक एवं ईएमटी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है। उन्होेन अपनी मांगो को लेकर जिलाधिकारी, सीएमओ से लेकर आला अधिकारियों को पूर्व घोषित अनिश्चितकालीन हडताल पर जाने की सूचना भी दी थी। बताया जाता है कि रविवार की शाम को जिलाध्यक्ष अजय कुमार सिंह को बातचीत के लिए एंबुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी जीवके ईएमआरआई के रीजनल मैनेजर रोहित आहूजा, प्रोग्राम मैनेजर योगेश एवं ईमरजेंसी मेनेजमेंट के आशीष तिवारी ने बुलाया था। वहीं उन्हे कातवाली पुलिस को बुलाकर हिरासत में करा दिया गया। अजय के गिरफ्तार होने की खबर पता चलते ही चालक एवं ईएमटी भडक गये और एबुलेंस सेवा रविवार की रात 11 बजे से ठप कर दी। सभी चालक अपनी अपनी एंबुलेंस लेकर रामादेवी स्थित कांशीराम अस्पताल पहुंच गये और धरना देकर बैठ गये। एंबुलेंस सेवा ठप्प होने से कल्याणपुर, बिठूर,, चैबेपुर, बिल्हौर, शिवराजपुर, सरसौल, बिधनू, घाटमपुर, पतारा, भीतरगांव, ककवन, मंधना आदि सीएचसी में मरीजों को काफी असुविधा का सामना करना पडा।