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मिशन इन्द्रधनुष अभियान की शुरुआत, टीके से वंचित बच्चों व गर्भवती का होगा टीकाकरण

रायबरेली | जिला महिला अस्पताल में मंगलवार को नौ माह के बच्चे को विटामिन ए की खुराक और जापानी इन्सेफेलाइटिस (जेई) व खसरे का टीका लगाकर प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. खालिद रिजवान ने सघन मिशन इन्द्रधनुष तथा जापानी इन्सेफेलाइटिस (जेई) टीकाकरण अभियान की शुरुआत की | इस अवसर पर उन्होंने कहा – सघन मिशन इन्द्रधनुष के तहत नियमित टीकाकरण के दौरान टीके से वंचित रह गये बच्चों और गर्भवती को निःशुल्क टीके लगाये जायेंगे | टीकाकरण की कवरेज बढ़ाने के लिए यह अभियान दो चरणों में चलाया जा है | पहला चरण 23 फरवरी, 1 और 2 मार्च तथा दूसरा चरण 23 मार्च, 5 और 6 अप्रैल को आयोजित किया जायेगा | नियमित टीकाकरण के साथ मिशन इन्द्रधनुष 3.0 के जरिये टीकाकरण कवरेज को बढ़ाकर 90 फीसद करने का लक्ष्य रखा गया है | इस अभियान के तहत 56,701 बच्चों तथा 1,848 गर्भवती को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है |
उन्होंने कहा – इस अभियान का नाम मिशन इन्द्रधनुष इसलिए रखा गया है क्योंकि इस अभियान के तहत सात बीमारियों से प्रतिरक्षित करने के लिए निःशुल्क टीके लगाये जाते हैं | सघन मिशन इन्द्रधनुष अभियान में शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी मीजल्स, विटामिन ए, डीपीटीऔर मीजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी की खुराक दी जाती है | गर्भवती को टीडी (टिटेनस एवं डिप्थीरिया) का टीका लगाया जाता है |
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने कहा- जेई से बचाव की वैक्सीन से जो बच्चे वंचित रह गए हैं उनके टीकाकरण के लिए जेई टीकाकरण अभियान भी 23 फरवरी से शुरू हो रहा है | यह बीमारी फ्लेविस नामक वायरस से होती है जब यह वायरस मच्छर में पहुँच जाता है और जब ऐसा मच्छर किसी व्यक्ति को काट लेता है तो वह व्यक्ति को संक्रमित कर देता है | इस बीमारी से न केवल अनेक बच्चों की जाने गयी हैं बल्कि अनेक बच्चे दिव्यांग भी हुए हैं |
इस बीमारी में दिमाग में सूजन आ जाती है और समय पर उचित इलाज न मिलने पर मरीज की जान भी जा सकती है। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण इस बीमारी का प्रकोप बच्चों में अधिक होता है। वह बताते हैं कि धान की रोपाई के समय खेतों में भरे पानी में इस तरह के मच्छर तेजी से पनपते हैं। उस दौरान इस बीमारी का प्रकोप भी तेजी से फैलता है। इस बीमारी में तेज बुखार, सिरदर्द, गर्दन में अकड़न, घबराहट, दौरे पड़ना और बेहोशी जैसे लक्षण होते हैं। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत छूटे हुए बच्चों को टीका लगवाया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर उनके किसी बच्चे को जेई का टीका नहीं लगा है तो वह अपने क्षेत्र की एएनएम या नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क कर टीका लगवा सकते हैं। जेई टीकाकरण अभियान के तहत सर्वे के अनुसार 9,322 बच्चों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया है |
इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस.अस्थाना, अनिल पाण्डे , अंजली सिंह , विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर डा. छोटे लाल, यूनिसेफ की जिला सचल समन्वयक वंदना त्रिपाठी , शाहाना , अमरेश त्रिपाठी, मोहिनी आदि उपस्थित रहीं |

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