रायबरेली। परिवार कल्याण कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुँचाने और उसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जनपद में एक से 31 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए इस अभियान को दो गज की दूरी, मास्क और परिवार नियोजन भी जरूरी नाम दिया गया है। इस अभियान के दौरान इच्छुक दम्पति तक गर्भ निरोधक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना और युवा दम्पति को उपलब्ध विकल्पों में से किसी एक को चुनने के लिए प्रेरित करना है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने दी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया-यह अभियान जिले का अभिनव प्रयास है | इस अभियान का उद्देश्य कोविड-19 से बचाव के सन्देश के साथ –साथ परिवार नियोजन के महत्व के सन्देश को घर-घर आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से पहुंचाना है। इस पूरे माह के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने कार्यस्थल के हर लक्षित दम्पति के घर भ्रमण के दौरान जाएँगी और उनको परिवार नियोजन के लाभ बताते हुए कोई न कोई साधन लेने के लिए प्रेरित करेंगी। हर आशा कार्यकर्ता को अभियान के दौरान कम से कम तीन लक्षित दम्पत्ति को कोई न कोई अंतराल विधि का साधन जैसे आईयूसीडी , अन्तरा या पीपीआईयूसीडी की सेवा दिलवानी है। 1000 की जनसँख्या पर कम से कम 160-170 लक्ष्य दंपत्ति होते हैं इसलिए यह लक्ष्य प्राप्त करना आसान होता है।
सीएमओ ने बताया- वर्तमान में जिले में 2577 आशा कार्यकर्ता काम कर रही हैं और इस अभियान के माध्यम से 7731 लक्ष्य दम्पत्ति को सेवा दिलवाने का संकल्प है। सभी मिल कर इस अभियान को सफल बनायेंगे और कोरोना से बचाव के सन्देश के साथ ही साथ परिवार नियोजन के महत्व के सन्देश को जिले के हर घर तक पहुंचाएंगे।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. ए.के चौधरी ने बताया – जिले में विगत वर्ष की तुलना में पीपीआईयूसीडी में सुधार आया है लेकिन आईयूसीडी और त्रैमासिक इंजेक्शन अन्तरा पर कोविड का असर देखने को मिला है। इसका अर्थ यह है कि कोविड के चलते लोगों को परिवार नियोजन के साधन समय से नहीं मिल पाए | इसलिए ही इस अभियान को शुरू किया जा रहा है।