रायबरेली। कोरोना ने एक बार फिर तेजी के साथ अपने पाँव पसार लिए हैं। ऐसे में हमें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। बच्चे हो या बूढ़े सभी पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेन्द्र सिंह बताते हैं- हमें बच्चों पर बहुत ही ध्यान देने की जरूरत है। हम उन पर नजर रखें और एहतियात बरतें। सबसे पहले तो बच्चों को घर से बाहर ही न निकलने दें। बच्चों में 40 सेकेण्ड तक साबुन और पानी से हाथ धोने, मास्क लगाने और दो गज की सामाजिक दूरी का पालन करने की आदत सुनिश्चित करें।
यह ध्यान रखें कि घर के बाहर से कोई आता है तो उसका सीधा संपर्क बच्चे से न हो। व्यक्ति नहाने के बाद ही बच्चे से मिले। बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान दें उन्हें घर का पका हुआ ताजा पौष्टिक भोजन का सेवन कराना सुनिश्चित करें। खाने में विटामिन सी सहित पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्त्व हो , जिससे प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। ठंडा पानी, आईसक्रीम और ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन बच्चों को न करने दें। बाहर का खाना खाने से बचें। यदि घर में कोई उपचाराधीन मरीज है तो बच्चे को उससे दूर ही रखें।
यदि बच्चे में पांच दिन तक बुखार, छाती में संक्रमण, पेट में ऐंठन , आँखों में लालिमा, जोड़ो में दर्द, डायरिया जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत सतर्क हो जाएँ। बच्चे की कोरोना की जांच कराएँ। सर्दी,जुकाम , बुखार आने पर स्वयं इलाज न करें चिकित्सक को दिखाएँ ठंडे खाद्य पदार्थ न दें। ताजा, घर का पका हुआ पौष्टिक खाना दें। फलों का सेवन कराएँ। मास्क हमेशा लगायें। बुखार तेज होने पर माथे पर गीली पट्टी रखें और गीली पट्टी से शरीर पोंछते रहें। अगर बच्चा स्तनपान कर रहा है तो माँ मास्क लगाकर बच्चे को स्तनपान कराती रहे।