घरों से लेकर मंदिरों तक दिखा भक्तों में भक्तिभाव
लखीमपुर/मोहम्मदी-खीरी। या देवी सर्व भूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमरू। नवरात्र के पहले दिन देवी भक्तों ने माता के पहले स्वरूप शैल पुत्री की पूजा की गई। इस मौके पर नगर के मंदिरों में देवी भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। देवी उपासकों ने पूजा-अर्चना के बाद मां का आशीर्वाद लिया। उधर नगर के अलग-अलग स्थानों पर सजाए गए मां के दरबार में भी धीरे-धीरे रौनक बढऩे लगी है। नवरात्रि के पहले दिन घरों में स्नान-ध्यान के बाद देवी को आहूतियां चढ़ाईं। आरती के बाद प्रसाद का भोग लगाया गया। धूप-दीप व नैवैद्य के पहले स्वरूप माता शैल पुत्री का पूजन किया गया। सुबह होते ही घरों में आरती के साथ घंटा व शंख ध्वनि की आवाजें आती रहीं। इसी के साथ देवी मंदिरों में भी खास व्यवस्था की गई। मां संकटा देवी मंदिर में गुरुवार की रात मूर्ति स्थापना की गई। वहीं सुबह मंदिर के कपाट खुलने से पहले ही भारी संख्या में भक्त हाथों में पूजा की थाली लेकर देवी पूजन के लिए मंदिर गेट पर जमा हो गए। कपाट खुलते ही सभी ने माता के जयकारों के साथ मंदिर में प्रवेश किया। विशेष आरती गाई गई। इसके बाद देवी दर्शन-पूजन प्रारंभ हुआ। बूढ़े, बच्चों, महिलाओं व पुरुषों ने कतार में लगकर बारी-बारी से देवी के दर्शन कर पूजन किए। इसके अलावा शहर के बंकटा देवी मंदिर, भुइयां माता मंदिर, राधाकृष्ण मंदिर, मुडिय़ा महंत मंदिर, जंगली नाथ मंदिर, भुईफोरवानाथ मंदिर व मंदिर छायाकुआं सहित विभिन्न मंदिरों में भी भक्तों ने पहुंचकर देवी का पूजन किया। पूरा दिन देवी मंदिरों से माता के जयकारे होते रहे और शंखनाद व घंटा ध्वनि सुनाई देती रही। मोहम्मदी संवाददाता के अनुसार, नगर के मोहल्ला बाजार खुर्द कहरौला स्थिति श्री नर्वदेश्वर महादेव मंदिर पर नवरात्रि के चलते मां दुर्गा मूर्ति की स्थापना की गई। नवरात्रि के 9 दिनों तक भजन संध्या के कार्यक्रम की भी शुरुआत हुई। मां की प्रतिमा को स्थापना से पूर्व, आकाश सैनी व समीर के निवास से 11ः30 बजे ढोल बाजे के साथ भ्रमण कर श्री नर्वदेश्वर महादेव मंदिर पर स्थापित किया गया। उसी क्रम में आज से ही नवरात्रि तक हर रोज श्रृंगार पूजा, भजन संध्या व प्रसाद वितरण का कार्यक्रम सम्पन्न किया जाएगा। मालूम हो हर बार नवरात्रि के चलते श्री नर्वदेश्वर महादेव मंदिर पर मां की प्रतिमा स्थापित होती है। 9 दिन पूजन व भजन के बाद एकादशी को मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। उसी क्रम में इस बार भी मूर्ति विसर्जन एकादशी को किया जाएगा। मूर्ति स्थापना में नगरवासियों सहित आयोजन समिति के आकाश सैनी समीर, गगन दीक्षित, दीपेंद्र सैनी व अन्य उपस्थित रहे।