मरते मरते भी दे गये गन्ना विभाग के जी,यम, सी,सी ओ रोड बनवाने के लिए दिया गया प्रार्थना पत्र
निघासन खीरी। सरकार ने कच्चे रास्तों को पक्का करने की बहुत सी घोषणाएं की हुई हैं, जिन पर विभागीय अधिकारी काम करने का दावा करते हैं। लेकिन, जो सड़कें पहले से ही पक्की हैं और गड्ढों में तब्दील हो रही है उनकी तरफ न तो सरकार के नुमाइंदों का ध्यान ही नही जा रहा है तथा न ही विभाग के कार्यालयों में बैठे उच्च अधिकारियों का।सड़कों की मरम्मत के लिए प्रति वर्ष लाखों रुपये का बजट विभागों में आता है। सड़कों की हालत को देखकर ऐसा लगता है यह बजट मात्र फाइलों में ही पूरा हो रहा है तथा सरकार का गड्ढा मुक्त सड़कों का अभियान भी दम तोड़ता हुआ नजर आ रहा है।काफी समय से जर्जर पड़ी रोड बरोठा सम्पर्क मार्ग जो लगभग 20 साल से अपनी दुर्दशा पे आँशु बहा रही थी।उस रोड पर किसी भी नेता की नजरें नही जा रही थी। पर ग्राम पंचायत बरोठा की शान कहे जाने वाले स्वर्गीय शत्रोहन लाल शुक्ला जी के द्वारा कई विभागों में उस रोड का पता करने के बाद भी जब पता नही लगा कि वह रॉड किस विभाग से बनी है। तब उनके अथक प्रयाशो से गन्ना विभाग द्वारा ये रोड बनवाई गई थी।अब वह रोड अपनी दुर्दशा व बदहाली पे रो रही है पर किसी नेता व अधिकारियों की नजर नही जा रही है।जबकि मृतक होने से पहले स्वर्गीय शत्रोहन लाल शुक्ला ने बेलरायां जीएम सुशील गौड़ से मिल कर रोड मरम्मत करने की बात की थी। और उन्होंने जल्द ही रॉड बनवाने का आश्वासन भी दिया था। पर वह रोड अब भी ज्यो के त्यों पड़ी है।और आज भी उस रोड पे किसी नेता की नजरें नही जा रही है। और रोड बन जाने के बाद कई नेता दावा ठोकते है। कि यह रोड हमारे ही प्रयासो से बनी है। *नाम मेरा काम तेरा वाली दशा है।
सड़को पर गड्ढे होने के चलते आये दिन वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं।दुर्घटना में काफी घरों के चिराग भी उजड़ जाते है। विभागीय अधिकारी द्वारा उक्त सड़क के गड्ढे को भरवाने की जहमत तक नहीं उठाई जा रही हैं। इस रोड से रोजाना सैकड़ों हल्के व भारी वाहन गुजरते हैं। सड़क पर गड्ढे व्याप्त होने के कारण दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। विभाग में सड़कों की मरम्मत के नाम से जो पैसा आता है वो कहा जाता कुछ नहीं पता।