अपने अच्छें कार्यों के चलते जहां रहे वहां के लोगों के दिलों में करते आ रहे राज
पलियाकलां-खीरी। क्या ख़ूब किसी ने लिखा हैं,कि आंखें सिर्फ “प्रेम” की भाषा समझती हैं,मिले तो भी छलकती हैं न मिले तो भी छलकती हैं। उक्त पंक्तियां बख़ूबी मझगई चौकी प्रभारी विनोद सिंह पर सटीक बैठती हुई दिखाई पड़ी।हांड़ कंपाने वाली भीषण ठंड में जब चौकी प्रभारी अपने पुलिस बल के साथ पैदल मार्च करने क़स्बें में निकले तो एक पेड़ के नीचे चौदह वर्ष का भटका हुआ बालक कांपते हुए दिखाई पड़ा तथा शरीर पर बनियान,हाफ अंडरवियर व नंगें पाव भीषण ठंड के मारे कांप रहा पूरा शरीर देख बालक के पास पहुंचे ही बालक रो पड़ा और चौंकी प्रभारी के सीने चिपक गया।चौकी प्रभारी उस बालक को अपने साथ मझगई पुलिस चौकी पर लाकर बालक को गर्म कपड़े,जूता,मौजे पहनाकर भोजन,चाय नाश्ता आदि से बालक की सेवा की फिर बालक से उसका नाम पता जानने लगे पर बालक मूंक बाधिर होने के कारण कुछ भी नहीं बता पाया पर इशारों में सब बता रहा था। जिसकी खोजबीन करने के उपरांत उसका नाम मो०शाकिब पुत्र जमील अहमद निवासी बरवन्डा पलिया के रुप में पहचान हुई।जिसकी सूचना चाइल्ड लाइन पलिया के समन्वयक लवकुश वर्मा व इंद्र कुमार अवस्थी आदि को सूचना देने के साथ ही पता लगे बालक के परिजनों को सूचना दी गयी।बालक की मां रहमतुल जब मझगई चौकी पहुंची तो अपने बालक को देख आंखों में आंसू आ गये।चौकी प्रभारी विनोद सिंह को रहमतुल रोते हुए उनको आशीर्वाद देते हुए आभार जताया।बालक को अपनी मां को सुपुर्द किया गया।वहीं चौकी प्रभारी विनोद सिंह ने बालक के मां के छलकते हुए आंसू को पोछते हुए बालक पर नजर रखने की बात कही।चौकी प्रभारी की इस दरियादिली को देख पूरे क्षेत्रवासी समस्त पुलिस स्टाप की प्रशंशा किये।