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ब्राह्मण समाज के हित में नही विकास दुबे की प्रतिमा लगवाने संबंधी बयान:- दीप मिश्रा

निघासन खीरी। अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष राजेन्द्र नाथ त्रिपाठी के विकास दुबे व श्री प्रकाश शुक्ला की प्रतिमा लगवाने सम्बन्धी सनसनी खेज बयान से ब्राह्मण समाज का कोई मान नही बढ़ने वाला है। यह कथन वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता दीप शंकर मिश्र ने एक मुलाकात में व्यक्त किये। उन्होंने कहा ब्राह्मणों ने बिना अपना कोई फायदा देखे हमेशा समाज के लिये यहाँ तक देवताओं के लिये त्याग व अपना बलिदान किया है। यह एक कटु सत्य है। इसका मतलब यह नही की सभी ब्राह्मणों ने त्याग किया है। रावण ब्राह्मण था विद्वान और बलवान भी जिसे भगवान राम ने मारा तो त्रेता द्वापर और आज कलयुग में किसी ब्राह्मण ने रावण की प्रतिमा लगाने की बात क्यों नही उठाई। क्या कभी राजेन्द्र नाथ त्रिपाठी ने इस पर विचार किया, नही किया यदि किया होता तो विकास दुबे की प्रतिमा लगवाने की बात उनके मुख से न निकलती। ढेर सारी बातें है जो समाज के बीच बोली जा सकती है, उठाई जा सकती है। उन्हें न बोल कर हमें ब्राह्मण समाज को सर्व समाज में उपहास कराने वाली बातें बोलना किसी ब्राह्मण को इसका अधिकार नही होना चाहिये। हमें सवर्ण आयोग बनाने व गरीब नौजवान ब्राह्मणों की रोजी रोटी की बात उठानी चाहिये। हमें उन अफसरानों को आगे लाने की बात करनी चाहिये जो 3 व 4 वर्षों से आज भी किनारे पड़े है। विद्वान ब्राह्मण त्रिपाठी जी को भगवान परशुरामजी जो त्रेता द्वापर व वर्तमान कलयुग में भी है उनकी प्रतिमा लगवाने की बात करनी चाहिये। हिन्दू समाज को एक नई दिशा देने रामचरित्रमानस पाठ जैसे महान धार्मिक ग्रन्थ की रचना कर रामचरित्रमानस पाठ का शुभारम्भ कराने वाले पूज्य गोस्वामी तुलसीदास जी की प्रतिमा लगवाने की बात करनी चाहिये। हमें महृषि दधीचि जैसे ऋषि जिन्होंने देवताओं के कल्याणार्थ अपनी हड्डिया दे दीं उनकी प्रतिमा लगवाने की बात करनी चाहिये। त्रिपाठी जी को जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी को लात मारने वाले महर्षि भृगु की और वनवास के दौरान श्रीराम जी की मदद व उन्हें दिव्यास्त्र भेंट करने वाले महर्षि अगस्त्य जैसे ऋषि मुनियों की बात करनी चाहिये न की ब्राह्मण समाज के ही वीर सपूतों को मौत के घाट उतारने वाले विकास दुबे की। त्रिपाठी जी को विकास दुबे के परिवारीजनों को परेशान करने पे बात उठाने का तो अधिकार है, परन्तु जैसे किसी को भी विद्वान ब्राह्मण रावण की पूजा करने का अधिकारी नही उसी तरह किसी भी ब्राह्मण को विकास दुबे व श्री प्रकाश शुक्ला जैसे अपराधियों की प्रतिमा लगवाने की बात करने का अधिकार नही और न ही ये ब्राह्मण समाज के हित में है।

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