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उत्तर प्रदेश में अभी 10 दिनों तक सक्रिय रहेगा मानसून, होती रहेगी बारिश

लगातार पांच दिनों तक बारिश न होने पर मानसून वापसी के मिलेंगे संकेत
कानपुर,(वेब वार्ता)। भादों माह यानी सितम्बर में करीब 10 वर्ष बाद मानसून झूमकर सक्रिय हुआ और बीते कई दिनों से बारिश कर रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि अभी 10 दिनों तक मानसून उत्तर प्रदेश में सक्रिय रहेगा, क्योंकि मानसून वापसी के फिलहाल कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पाण्डेय ने शनिवार को बताया कि पहले ही पूर्वानुमान जारी किया गया था कि इस साल देश में मानसून लंबे समय तक रहेगा। इसीलिए सितम्बर माह के अंत तक उत्तर भारत में बारिश में कमी के आसार नहीं हैं। बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तर-पश्चिम भारत से तभी वापस होता है जब लगातार पांच दिनों तक इलाके में बारिश नहीं होती है। इसके साथ ही निचले क्षोभ मंडल (ट्रोपोस्फेयर) में चक्रवात रोधी वायु का निर्माण हो और आद्रता में भी काफी कमी होना आवश्यक है। आईएमडी ने भी अगले 10 दिनों तक उत्तर भारत से मानसून की वापसी के संकेत नहीं दिया है।
यहां पर होती रहेगी बारिश
अगले 24 घंटों के दौरान, पूर्वी उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों, मेघालय, नागालैंड और असम के पूर्वी हिस्सों के साथ-साथ अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत, बिहार, झारखंड, कानपुर सहित पूरे मंडल शेष उत्तर प्रदेश में भी मानसून की हल्की बारिश से कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना बनी रहेगी। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, गुजरात और उत्तराखंड में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, ओडिशा के कुछ हिस्सों, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश संभव है।
उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों में कम दबाव का क्षेत्र
देश भर में बने मौसमी सिस्टम मध्य प्रदेश और इससे सटे उत्तर प्रदेश के दक्षिणी हिस्सों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। संबद्ध चक्रवाती परिसंचरण औसत समुद्र तल से 5.8 किमी तक फैला हुआ है। मानसून की ट्रफ रेखा बीकानेर, जयपुर, कम दबाव वाले क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती हवाओं के केंद्र से गुजरते हुए पेंड्रा रोड, भुवनेश्वर से होते हुए दक्षिण पूर्व की ओर बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी की ओर जा रही है। एक ट्रफ रेखा पूर्वोत्तर अरब सागर से गुजरात, दक्षिणी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश से गुजरते हुए निम्न दबाव के क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती परिसंचरण तक फैली हुई है। एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक बारिश के दौरान तेज आंधी के साथ-साथ बिजली गिरने की भी संभावना है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में आज भी बारिश की संभावना है। यहां आरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

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