Home > अवध क्षेत्र > पूर्वी उत्तर प्रदेश में बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र, बारिश की बढ़ी संभावना

पूर्वी उत्तर प्रदेश में बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र, बारिश की बढ़ी संभावना

कानपुर, (वेबवार्ता)। दक्षिणी पश्चिमी मानसून अब कमजोर होने लगा है, जिससे उत्तर भारत में बारिश की संभावना कम हो गई हैं। वहीं दूसरी ओर पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के सटे इलाकों में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन गया है, जिससे अच्छी बारिश होने के आसार हैं।
चंद्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पाण्डेय ने शनिवार को बताया कि मानसून की अक्षीय रेखा हिमालय की तलहटी की ओर पहुंच गयीं हैं। दिल्ली और हरियाणा के कुछ हिस्सों में पछुआ शुष्क हवाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं। फिलहाल मानसून ट्रफ ट्रांजिशन फेज में है। 12 अगस्त को मानसून की रेखा हिमालय की तलहटी में पहुंच गयी है। इस स्थिति को ब्रेक मानसून के रूप में जाना जाता है। आर्द्र पूर्वी हवाएं बदलकर पश्चिम दिशा से चलने वाली गर्म और शुष्क हवाओं में बदल जाती हैं। बारिश रुक जाती है और तापमान बढ़ने लगता है।
इस ब्रेक मानसून के दौरान, उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के आसपास के हिस्सों का मौसम शुष्क हो जाएगा। मानसून ट्रफ का पूर्वी तेरा भी हिमालय की तलहटी के तरफ बढ़ रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों और उससे सटे बिहार पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी यूपी, बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल में अच्छी बारिश जारी रखेगा। इसलिए तकनीकी रूप से ब्रेक मॉनसून देश के उत्तर पश्चिम और उससे सटे मध्य भाग में होगा।
बताया कि 15 या 16 अगस्त के बाद मानसून की अक्षीय रेखा एक बार फिर दक्षिण की ओर बढ़ना शुरू कर देगी, जिससे उत्तरी मैदानी इलाकों के साथ-साथ मध्य भारत के कुछ हिस्सों में बारिश शुरू हो जाएगी। ब्रेक मानसून अवधि के दौरान जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश की तलहटी और इससे सटे पंजाब और हरियाणा के उत्तरी भागों में भारी बारिश होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *