कानपुर। बर्रा थानाक्षेत्र स्थित नर्चर इंटर नेशनल स्कूल में एक बच्चा अपने माता-पिता के साथ धरने पर बैठ गया। उसके अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रबंधक की मिलीभगत के कारण उनके बेटे के साथ टीचर भेदभाव करते हैं। जातिसूचक अपशब्द के साथ ही उसे पढ़ाने के बजाए दूसरा कार्य कराते हैं। कईबार शिकायत की, पर सुनवाई नहीं हुई। इसी से आहत होकर हमें ये कदम उठाना पड़ा। बर्रा दो इलाके में रहने वाले राजेश मिश्र जो, प्राइवेट नौकरी करते हैं। घर में राजेश की पत्नी आरती और बेटा वैभव है। राजेश का आरोप है कि नर्चर इंटर नेशनल स्कूल में उसके बेटे के साथ भेदभाव के साथ ही उत्पीड़न किया जा रहा है। राजेश के मुताबिक बेटे का एडमिशन राइट टू एजूकेशन के तहत लिस्ट में नाम आया था। मगर स्कूल प्रबंधक ने बेटे का दाखिला देने से इंकार कर दिया। हमनें इसकी शिकायत बीएसए से की। उसके बाद बेटे का एडमिशन किया गया। पिता का आरोप है कि स्कूल प्रबंधक व टीचर इसी के कारण नाराज हो गए और बेटे का उत्पीड़न शुरू कर दिया। राजेश ने बताया कि बच्चे को स्कूल छोड़ कर जैसे ही घर लौटे तो कुछ देर बाद उन्हें स्कूल से फोन आया। टीचर ने तत्काल बुलाया और वैभव को ले जाने को कहा। मैं पत्नी आरती के साथ स्कूल पहुंचा। गेट के बाहर वैभव खड़ा मिला। बेटे को लेकर हम सीधे प्रिंसिबल के रूम में गए और पूरे मामले की जानकारी मागी तो हमें धक्के देकर बाहर करवा दिया गया। प्रबंधक की तानाशाही से आहत होकर राजेश अपने बेटे व पत्नी के साथ स्कूल के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। राजेश ने कहा कि जब तक उनके बच्चे की समस्या का निराकाण नहीं होता तब तक हम ऐसे ही बैटे रहेंगे। करीब चार घंटे तक राजेश स्कूल के गेट से टस-मस नहीं हुए तो प्रबंधक व टीचर बाहर आए। राजेश का आरोप है कि एक टीचर ने धमकी देते हुए कहा कि यदि गेट से नहीं हटोगे तो जेल जाने के लिए तैयार रहो। इसी बीच मीडिया के पहुंचने पर स्कूल प्रशासन ने अपने पैर पीछे खीच लिए और राजेश व उसकी पत्नी को समझाने और समझौते का प्रयास करने लगे। पर राजेश अड़ गए और बीएसए को फोन लगा पूरे मामले की जानकारी दी। बीएसएस बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। एक टीम को मौके पर भेजा गया है और धरने पर बैठे बच्चे के अभिभावकों को घर भेज दिया कर पूरे मामले की जांच करवाई जा रही है। यदि बच्चे के साथ स्कूल प्रबंधन ने बदसलूकी की तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।