कनहर परियोजना में पिछले चार दिनों से पसरा सन्नाटा
दुद्धी/अमवार/सोनभद्र | उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के दुद्धी तहसील के अमवार में बन रहा कनहर बांध परियोजना इन दिनों राजनीती का शिकार हो गया ।कनहर परियोजना का निर्माण कार्य जो निर्बाध गति से चल रहा था उसका कार्य पिछले चार दिनों से बंद पड़ा हुआ है जिस परियोजना में लगातार मशीनों की गड़गड़ाहट की आवाज रात दिन सुनाई पड़ती थी आज पिछले चार दिनों से सन्नाटा छाया हुआ है। 1974 में इस परियोजना का शिलान्यास किया गया था लेकिन किसी भी सरकार की इच्छा शक्ति इस परियोजना के निर्माण कार्य को शुरू करने की नही बन सकी । बहन मायावती ने भी इस परियोजना को शुरू करने की कोशिश की लेकिन ग्रामीणों के प्रबल विरोध के कारण परियोजना नही शुरू की जा सकी पिछली समाजवादी पार्टी की सरकार ने तमाम विरोध होने के बावजूद अपनी प्रबल इच्छाशक्ति से इस परियोजना का निर्माण निर्बाध गति से शुरू किया ।
लेकिन वर्तमान योगी सरकार में ये परियोजना राजनीती का शिकार होती प्रतीत हो रही है पिछले चार दिनों से परियोजना का निर्माण कार्य बन्द होना इसकी मनोदशा को दर्शाता है।पिछले कई दिनों से ब्लास्टिंग कार्य को रोककर ग्रामीणों द्वारा धरना देने कार्य को बाधित करना कहि न कही प्रशासनिक छमता की कमी को दर्शाता है ।जहा परियोजना का निर्माण हो रहा है जो प्रदेश के दो राज्य झारखण्ड व छत्तीस गढ़ से घिरा हुआ ये इलाका कभी ये जगह अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र हुआ करता था जहाँ लोग दिन में भी जाने से डरा करते थे पिछली सरकार की दूरगामी नीति के कारण यहां विकास की मुख्यधारा से जोड़ते हुए कनहर बांध बनाने का कार्य शुरू किया गया जिससे आस पास के सैकड़ो गांवो में सिचाई के साधन उपलब्ध हो सकेंगे लोगो को रोजगार मिल सकेगा,लेकिन परियोजना का राजनीती का शिकार होना दूरगामी परिणाम के लिए शुभ संकेत नही है ।
जिसका परिणाम ये होगा कि कनहर बांध की ऊँचाई बढ़ने से कुछ दिन बाद वर्षा शुरू होगा जिससे जलस्तर भी बढ़ेगा और आस पास के कुछ गांव जैसे सुंदरी, सुगवामान, भिसुर जैसे कुछ और गांव भी डूबने की आशंका जताई जा रही है ।अभी काफी लोगो का विस्थापन पैकेज राशि सरकार द्वारा नही दिया जा सका है जिससे वे अभी घर व गांव छोड़कर नही गये है जिससे सरकार को काफी दिक्कत का सामना आगे चलकर करना पड़ सकता है । कुछ साल पहले जब काम चालू हुआ था तो लोगो में बहुत खुशहाली देखी गयी लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया कनहर विरोधी तत्वों द्वारा कार्य को बिच बिच में रोककर निर्माण गति को धीमा कर दिया गया और आज 4 दिनों से कार्य पूर्ण रूप से बाधित हो गया उधर सुन्दरी के पहाड़ी पर विस्थापित द्वारा धरना देकर ब्लास्टिंग कार्य को रोक दिया गया है जिसके चलते मुख्य बाँध में पत्थर की कमी हो गयी है इस बारे में कनहर कार्यदाई संस्था द्वारा मालूम हुआ की स्पिल्वे कंक्रीट पर कार्य किन कारणों से रुका है तो उन्होंने बताया की ब्लास्टिंग ना होने से प्रचुर मात्रा में पत्थर न उपलब्ध होने के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है यदि समय से कार्य प्रारम्भ नहीं किया गया तो कनहर डैम को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योकि मानसून आ जाने पर कार्य पूर्ण रूप से बंद हो जायेगा।इसमें शासन प्रसासन भी पूरी तरह मौन है। मालूम हो की इस परियोजना से सैकड़ो गाँव सिंचित होने है और ये परियोजना क्षेत्र के अति पिछड़े लोगो को विकास की मुख्य धारा से जोड़ता है ।