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जन सूचना अधिकार 2005 क्रान्तिकारी अधिनियम है मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी

अम्बिकानन्द त्रिपाठी
फैजाबाद | प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी तथा राज्य सूचना आयुक्त स्वदेश कुमार ने आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मंे आयुक्त मनोज मिश्र की अध्यक्षता में जनपद के समस्त विभागाध्यक्ष/जन सूचना आधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 एवं उ0प्र0 सूचना का अधिकार नियमावली 2015 के प्रशिक्षण के दौरान सम्बोधित करते हुये कहा कि यह अधिकार आपके लिये बड़ा महत्वपूर्ण है। उन्होनें कहा कि इस क्षेत्र में आपको इस अधिकार के तहत कोई नया पद नही दिया गया है बल्कि आपको एक अधिकार दिया गया है इस लिये आप इस अधिकार को बड़ी पारदर्शिता के तहत इस जिम्मेदारी को पूर्ण करें।
उन्होने सूचना अधिकार नियमावली 2015 के महत्व व स्वरूप और निस्तारण प्रक्रिया के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुये कहा कि जन सूचना अधिकार 2005 क्रान्तिकारी अधिनियम है। पहले सूचना अधिकार 2005 में सरकार और जनता के बीच जो दूरी थी उसे इस अधिनियम के तहत समाप्त किया गया है। इस लिए राज्य सूचना आयोग ने सूचना का अधिकार 2005, 12 अक्टूबर 2005 से पूरे देश में प्रभावी रूप से लागू किया है। उन्होने कहा कि यह अधिनियम सरकारी कार्यो में पारदर्शिता बढ़ाने व भ्रष्टाचार में अंकुश लगाने हेतु लागू किया गया है। सरकार ने इस क्षेत्र में इस दूरी को समाप्त कर जनता को यह अधिकार दिया है कि वह कार्यालय के सभी अभिलेखो के विषय में आर0टी0आई0 के माध्यम से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकें, यह उसका पूर्ण अधिकार है। इस लिये कार्यालय में प्राप्त आर0टी0आई0 के जवाब को पूर्ण जिम्मेदारी के तहत उसका सही जवाब दें। उसे किसी तरह से टालने की कोशिश न करें जिससे आपके ऊपर अन्य कोई कार्यवाही न होेने पायें।
मुख्य अतिथि मुख्य सूचना आयुक्त श्री उस्मानी ने कहा कि जन सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी का पूर्ण उत्तरदायित्व होता है कि प्राप्त आर0टी0आई0 का सम्बन्धित को सही जवाब देना है न कि उसके आर0टी0आई0 में कमी ढूढना और उसका जवाब न देना। इसलिये जन सूचना अधिकारी इस बनाये गये नियमावली के तहत मांगे गये आर0टी0आई0 का सही समय पर सही ढंग से जवाब दें तथा उस आर0टी0आई0 के जवाब को रजिस्टर में भी दर्ज करें। जैसा कि संज्ञान में आ रहा है कि किसी भी कार्यालय में ऐसा नही किया जा रहा है।
उन्होने सभी जनसूचना अधिकारी को निर्देश देते हुये कहा कि अपने-अपने कार्यालय में जनसूचना अधिकार अधिनियम का एक रजिस्टर बना लें और अपने कार्यालय में प्राप्त समस्त आर0टी0आई0 के जवाब को उसमें अवश्य दर्ज करें। जिससे आवश्यकता पड़ने पर जनसूचना आयोग द्वारा मांगे जाने पर उस बनाये गये रजिस्टर के माध्यम से पूर्व मे अपने विभाग में मांगे गये आर0टी0आई0 के दिये गये जवाब को उन्हें दिखाकर अवगत करा सकें कि पूर्व अथवा वर्तमान के जनसूचना अधिकारी द्वारा उस आर0टी0आई0 का जवाब दिया गया है अथवा नहीं कि जानकारी दे सकें। इसलिये सभी जनसूचना अधिकारी राज्य सूचना आयोग के नियमो का सही ढंग से अनुपालन करते हुये मांगे गये आर0टी0आई0 के द्वारा मांगी गई सूचना को 30 दिन के समय सीमा में सही और पूर्ण जवाब दें। प्रशिक्षण के विश्ष्टि अतिथि राज्य सूचना आयुक्त स्वदेश कुमार व मण्डलायुक्त ने भी विस्तार से जनसूचना अधिकार के महत्वपूर्ण प्राविधानो के विषय में विस्तार से जानकारी दी। स्टेट रिसोर्स पर्सन राजेश मेहतानी ने भी महत्वपूर्ण व सरल तरीके से जनसूचना अधिकार के नियमों को प्रभावी रूप से बताया।

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