सोनभद्र/चोपन |आज चोपन की जामा मस्जिद मे शबे-ए-बरात के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग पूरी रात जागकर अल्लाह की इबादत करेंगे। कुरआन की तिलावत होगी। नमाज अदा की जाएगी। मान्यता के अनुसार शब-ए-बरात दो शब्दों, शब और बारात से मिलकर बना है, जहाँ शब का अर्थ रात होता है वहीं बारात का मतलब बरी होना होता है। मुसलमानों के लिए यह रात बेहद फज़ीलत (महिमा) की रात होती है, इस दिन विश्व के सारे मुसलमान अल्लाह की इबादत करते हैं। वे दुआएं मांगते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं। इस्लामी मान्यता के मुताबिक शब-ए-बरात की सारी रात इबादत और तिलावत का दौर चलता है। साथ ही इस रात मुस्लिम धर्मावलंबी अपने उन परिजनों, जो दुनिया से रूखसत हो चुके हैं, की मगफिरत (मोक्ष) की दुआएँ करने के लिए कब्रिस्तान जाते है।