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हिंदी भाषा मेरी मां तो सिंधी भाषा मेरी मौसी है

अम्बिकानन्द त्रिपाठी 

 अयोध्या | 1967 में सविधान में सिंधी भाषा को मान्यता के वक्त यह बात लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान अटल बिहारी बाजपेई ने यह बातें कहीं|रामनगर कॉलोनी के प्रेम प्रकाश आश्रम के संत साईं महेंद्र लाल ने रामनगर कॉलोनी में भक्त पहलाद सेवा समिति के अध्यक्ष राजकुमार मोटवानी के आवास पर आयोजित सिंधी भाषा दिवस के अवसर पर कही कि लॉक डाउन की वजह से सामूहिक रूप से सिंधी दिवस नहीं मनाया गया और समाज के प्रमुख लोगों ने बीते शुक्रवार की देर शाम सिंधी भाषा पर लगभग दो घंटे चर्चा की |10 अप्रैल 1967 संविधान की आठवीं अनुसूची में सिंधी भाषा को शामिल किया गया था | उत्तर प्रदेश सिंधी युवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश ओमी ने कहां कि राज्यसभा सदस्य रहे देश के जाने-माने वकील राम जेठमलानी ने कहा था कि हमारी तीन माताएं होती हैं जन्म देने वाली , धरती मां व सिंधी बोली और भाषा यानी अपनी मातृभाषा मां के समान होती है|सिंधु घाटी की सभ्यता पूरे विश्व में फैली हुई है|भारत की गौरवशाली सिंधु सभ्यता, संस्कृति, भाषा ,साहित्य, लोक कला व संगीत आदि को सुरक्षित रखने हेतु अथक प्रयास करने होंगे|भक्त प्रल्हाद सेवा समिति के अध्यक्ष राजकुमार मोटवानी व उपाध्यक्ष कन्हैयालाल सागर ने कहा कि युवा शक्ति को एक मंच पर लाकर उत्कृष्ट धरोहर को विलुप्त होने से बचाना होगा|अन्यथा हमारे पूर्वजों की अंतरात्माए हमें कभी क्षमा नहीं करेंगी|समाजसेवी सुरेश भारतीय व हरीश सावलानी ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था|मुझे ऐसे भारतवासी चाहिए जिन्हें अपनी कौम, भाषा, संस्कृति और सभ्यता के लिए सम्मान और गर्व हो इस मौके पर तेज कुमार मखीजा, अनिल मखीजा, कन्हैया लाल, हूंदराज माखीजा ने सिंधी भाषा दिवस पर चर्चा की|

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