अवध की आवाज
संवाददाता कुलदीप मिश्रा
पिहानी, हरदोई। महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई – एक के तत्वावधान में प्राचार्य प्रो. विवेक तिवारी के निर्देशन में एक वेब गोष्ठी का आयोजन किया गया। आयोजित गोष्ठी में स्वयंसेवकों ने अपने विचार रखें । इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी प्रो. कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं है। कोई भी 18 से 65 वर्ष की आयु का स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। रक्तदान से ना तो कोई कमजोरी आती है और ना ही किसी प्रकार की तकलीफ होती है। उन्होंने कोविड-19 संक्रमण के बढ़ने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सही ढंग से नहीं कर रहे हैं जिसके कारण कोबिड -19 संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल रहा है। उन्होंने स्वयंसेवकों के द्वारा लगातार मास्क बनाए जाने की सराहना करते हुए कहा कि स्वयंसेवक लोगों को जागरूकता के कार्य में तेजी लाएं। बाजार खुलने से तथा यातायात प्रारंभ होने से जिस तरह कोविड-19 संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं लोगों को सुरक्षा के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। प्रत्येक स्वयंसेवक कम से कम अपने गांव में लोगों को मास्क का प्रयोग करने तथा 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धुलने, आयुष कवच और आरोग्य सेतु ऐप को शत-प्रतिशत स्मार्ट फोन में डाउनलोड करने के लिए जागरूक करे। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने भी अपने कार्यों से कार्यक्रम अधिकारी को अवगत कराया। आयोजित गोष्ठी में कोरोना महामारी के प्रति लोगों को जागरूक करने हेतु स्वयं सेवक प्रगति ने अवधी में स्वरचित कविता “अनमोल जिन्दगी है, यहिका बचाये राखो । ना नेह कम करो पर, दूरी बनाई राखो। मानो यहि बात कहिया, ना जाओ भीड़ महिया। ना भीड़ घर बुलाओ, सबका बताई राखो । अनमोल जिन्दगी है ,यहिका बचाये राखो। ” का पाठ भी किया , स्वयंसेविका अमृता बाजपेई ने रक्तदान के महत्व पर केन्द्रित ” कर रक्तदान ये संदेशा घर-घर तक पहुचायें। हम रक्तदान अपनाये, हम मानव धर्म निभायें। ” कविता पढ़ी। कुलसुम, पारुल, अमन कुमार, आदि ने रक्तदान विषयक स्लोगन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सत्येन्द्र , विनोद कुमार, अभिषेक, सूरज सिंह आदि ने भी विचार रखे तथा स्वयंसेवक उपस्थित रहे।