हरिओम
कानपुर नगर। एशिया की सबसे बडी अधिवक्ता यूनियन की शाखा कानपुर बार एसोसिएशन आज पूरे भारत में चर्चा का विषय बनी हुई है, जिसका प्रमुख कारण हाल ही में सम्पन्न हुए कानपुर बार एसो0 के वार्षिक चुनाव 2018 का होना माना जा रहा है। एक ओर जहां प्राचीन काल से एक ही चाणक्य का नाम चलता रहा वहीं कानपुर कोर्ट की राजनीति में दो-दो चाणक्य उाभ्रते हुए सितारों के रूप में नजर आये, उनमें नाम है एडवोकेट कुलदीप आनन्द बाबा और हेमेन्द्र श्रीवास्तव, जिनहोने कानपुर कोर्ट की राजनीति के सारे पुराने समीकरण ध्वस्त करके प्रैक्टिशनर अधिवक्ताओं की आधारशिाला की नींव डाल दी है।
कानपुर बार एसो0 के चुनाव में महामंत्री पद के प्रात्याशी कपिलदीप सचान को 494 वोट की एक ऐतिहासिक जीत दिलाने वाले कुलदीप आनन्द बाबा और हेमेन्द्र श्रीवास्तव की जोडी ने कानपुर कोर्ट की राजनीति में एक अमूलचूल परिवर्तन लाकर अपने विरोधियो को हमेशा के लिए एक माउण्ट एवरेस्ट पर खडा कर दिया है, जिसे भेद पाना मुश्किल ही नही अब नामुमकिन हो गया है। कुलदीप बाबा ने कानपुर बार एसो0 का महामंत्री पद पर कपिलदीप सचान को जिताने के लिए अपना सारा राजनीतिक कैरियर दांव पर लगा दिया। एड0 कुलदीप बाबा राजनीति से जुडा एक ऐसा चेहरा है जिसने कई राजनैतिक पार्टियों में सक्रिय राजनीति कर उनक पार्टियों को आगे बढाने का काम किया है, जिसका परिणाम कपिलदीप सचान की जीत के रूप में सबसे सामने है। वहीं कानपुर बार एसो0 के पूर्व मंत्री रहे एड0 हेमेन्द्र श्रीवास्तव ने कपिलदीप सचान को जितने के लिए अपनी ऐसी गणित बैठाई कि उनके प्रतिद्धंदियों के सारे आरमान तार-तार हो गये। एड0 कुलदीप आनन्द और एड0 हेमेन्द्र श्रीवास्तव ने कानपुर कोर्ट में सभी अधिवक्ता अब कोर्ट राजीनति के चाणक्य के उपनाम से पुकारने लगे है।