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क्षेत्रीय प्रबोधन वर्ग के आयोजन से पूर्वी भारत में जगी भारतीय भाषाओं की अनोखी अलख 

अम्बिकानन्द त्रिपाठी
अयोध्या | भारतीय भाषाओं को समुचित स्थान दिलाने की मांग को लेकर कुछ वर्ष पहले शिक्षाविद श्री अतुल भाई कोठरी जी के संरक्षण में अखिल भारतीय स्तर पर बनाए गए राष्ट्रवादी असंख्य अधिवक्ताओं के संगठन भारतीय भाषा अभियान(भा०भा०अ०) की पूर्वी भारत इकाई ने कामेश्वर नाथ मिश्र अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय संयोजक पूर्वी भारत इकाई की अध्यक्षता एवं मार्गदर्शन में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में पाँच सत्रों वाले दो दिवसीय “क्षेत्रीय प्रबोधन वर्ग” जिसका विषय “स्वभाषा एवं न्याय व्यवस्था में भारतीय भाषाएँ” का आयोजन शनिवार एवं रविवार दिनांक ३ एवं ४ नवंबर २०१८ को सीता राजमहल, रामकोट, में किया जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार एवं झारखंड राज्यों से बड़ी संख्या में आए अधिवक्ता कार्यकर्ताओं ने सहभागिता कर संगठन संरचना को हर राज्य के उच्च न्यायालयों, सभी जनपद एवं तहसील न्यायालयों तक भा०भा०अ० की इकाइयों का गठन कर अधिकाधिक वाद भारतीय भाषाओं में न्यायालयों में प्रस्तुत करना, राज्यपाल एवं राष्ट्रपति महोदय को ज्ञापन देकर कानून बनाने की माँग करना आदि विषयों पर कार्यककर्ताओं का मार्गदर्शन सभी सत्रों में पधारे मुख्य अतिथियों, विशिष्ट अतिथियों, विधिवेत्ताओं एवं संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया। इस अवसर पर श्री कामेश्वर चौपाल मुख्य अतिथि जिन्होंने अयोध्या शिलान्यास की पहली ईंट रखि थी उद्घाटन सत्र में अपने विचार भारतीय भाषाओं के पक्ष रखा l भा०भा०अ० झारखंड राज्य के संयोजक महंत श्री विजयानंद दास जी द्वारा लिखित पुस्तक “मंथन” का विमोचन वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पंचम सत्र के मुख्य अतिथि श्री अशोक मेहता जी एवं विशिष्ट अतिथि श्री विमल श्रीवास्तव जी शासकीय अधिवक्ता लखनऊ उच्च न्यायालय ने की।
कार्यक्रम के चतुर्थ सत्र में भा०भा०अ० की विभिन्न इकाइयों के दायित्व धारकों के नामों की आधिकारिक घोषणा की गई। संजय पाठक अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय कार्यक्रम संयोजक की देखरेख में आयोजित दो दिवसीय आवासीय “क्षेत्रीय प्रबोधन वर्ग” में सर्वश्री अशोक मेहता, विमल श्रीवास्तव जी, हरिगोबिंद उपाध्याय अपर स्थायी मुख्य शासकीय अधिवक्ता लखनऊ, शैलेंद्र प्रताप सिंह मुख्य स्थाई अधिवक्ता, श्रीगौरव श्रीवास्तव राज्य विधि अधिकारी, अरुण प्रताप सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता, सुधेन्द्र प्रताप सिंह, महंत विजयानंद दास, डा० अजीत पाठक, सच्चिदानंद”सच्चू बाबू” , राजन चौरसिया एओआर सर्वोच्च न्यायालय, राघवेन्द्र शुक्ल, राहुल सिसोदिया, अंजली वर्मा, संत प्रसाद सिन्हा, लक्ष्मी गुप्ता, अमित कुमार शर्मा, अक्षय भारद्वाज आदि बड़ी संख्या में उपस्थित अधिवक्ताओं ने सहभागिता की और भगवान राम को साक्षी मानकर संकल्प लिया कि न्यायालयों के कामकाज में भारतीय भाषाओं को पूरी तरह लागू कराए जाने के सम्पूर्ण प्रयास करेंगे।

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