महाभारत ग्रंथ में उल्लेख मिलता है। ग्रंथ में वर्णित जानकारी के अनुसार संजय ने महाभारत युद्ध टालने के लिए धृतराष्ट्र और उसके सभी पुत्रों को समझाने का अथक प्रयास किया था। यहां तक की उन्होंने धृतराष्ट्र के पुत्रों द्वारा हो रहे अधर्म के खिलाफ कड़े वचन भी कहे थे। धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथों में से एक महाभारत मे अक्सर संजय का नाम सुनने में आता है। ये इकलौते ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपनी दिव्य दृष्टि से महाभारत युद्ध को साक्षात देखा था और इसका विस्तृत वर्णन धृतराष्ट्र को सुनाया था। कुरुक्षेत्र के रण में जो भी हुआ वह संजय की दृष्टि से नहीं छप सका। संजय महर्षि वेदव्यास के शिष्य थे संजय स्वभाव से विनम्र होने के साथ-साथ अत्यंत धार्मिक भी थे। युद्ध टालने के लिए पांडवों के पास संजय को ही भेजा था। इसका सरल कारण यह था की संजय पांडव के प्रति सहानुभूति रखते थे। संजय के प्रयासों के बारे में भी महाभारत ग्रंथ में उल्लेख मिलता है ग्रंथ में वर्णित जानकारी के अनुसार संजय ने महाभारत युद्ध टालने के लिए धृतराष्ट्र और उसके सभी पुत्रों को समझाने का अथक प्रयास किया था। यहां तक की उन्होंने धृतराष्ट्र के पुत्रों द्वारा हो रहे अधर्म के खिलाफ कड़े वचन भी कहे थे।
पत्रकार सुरक्षा महासमिति
गुड्डू मिश्रा
प्रदेश उपाध्यक्ष