लखनऊ । लखनऊ विकास प्राधिकरण जोन 1 के अवर अभियंता सत्यवीर सिंह व सहययक अभियंता शिवा सिंह की विरुद्ध 98 ए ,विभूति खंड , गोमती नगर, लखनऊ पर मिली भगत व शिथिल कार्यशैली के चलते हो रहे नियम विरुद्ध निर्माण पर शासनादेशों का अनुपालन न करने के लिए वैधानिक कार्यवाही हेतु शासन से आयी जांच के वावजूद उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने उक्त आरोपितों को अभी तक प्रवर्तन विभाग से नही हटाया हैं । आखिर इसका क्या कारण है ? उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण इंद्रमणि त्रिपाठी को उक्त आरोपितों द्वारा शासनादेशों की अवमानना व नियम विरुद्ध निर्माण के संरक्षण के संदर्भ में शासन से आई जाँच को ध्यान में रखते हुए जाँच किसी तरह से प्रभावित न हो इसलिए उक्त आरोपितों को प्रवर्तन जोन से तुरंत हटा देना चाहिए। परंतु उपाध्यक्ष द्वारा अभी तक ऐसा नही किया गया हैं। क्या आरोपितों के प्रवर्तन जोन में रहते हुए शासन से आई जाँच प्रभावित नही होगी ? अतः आरोपितों को प्रवर्त जोन 1 से न हटाया जाना उक्त प्रकरण में सवालिया प्रश्न बन गया हैं। जो सीधे उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण इंद्रमणि त्रिपाठी की स्वक्ष छवि को धूमिल कर रहा हैं व साथ ही उपाध्यक्ष को उक्त प्रकरण में संदेह के दायरे में खड़ा कर रहा हैं। आरोपितों के हौसले इतने बुलंद कि उक्त नियम विरुद्ध निर्माण में इनके संरक्षण में सील बंद नियम विरुद्ध निर्माण में रात दिन फिनिशिंग कार्य चल रहा हैं। इसका सीधा अर्थ यह हैं कि आरोपितों का लविप्रा के उच्च अधिकारियों पर अपने रुतवे का दबाव हैं जिसके चलते उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी आरोपितों को प्रवर्तन जोन से नही हटा रहे हैं जिससे शासन से आयी वैधानिक कार्यवाही हेतु जाँच पूर्णतया प्रभावित हो रही हैं। मिली जानकारी से पता चला है कि प्रवर्तन जोन में उक्त आरोपित अवैध निर्माण रोकने में पूर्णता असफल हैं। पूरे जोन 1 में नियम विरुद्ध निर्माण हो रहे हैं और लगातार बेख़ौफ़ शासनादेशों की अवहेलना की जा रही हैं जिस पर शासनादेशो की अवहेलना के लिए उक्त आरोपितों पर उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी विभागीय कार्यवाही करके प्रवर्तन कार्य से मुक्त नही कर रहे हैं जो स्वयं ही अपने को शासनादेशो के अनुपालन न करके आरोपित सिद्ध कर रहे हैं। अब देखना यह है कि उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी उक्त आरोपितों को प्रवर्तन जोन से हटाते है या नही या ऐसे ही चोरी छुपे सील बंद नियम विरुद्ध निर्माण को दुरभि संधि के चलते पूरा करा दिया जाएगा औऱ शासनादेशों की अवमानना के लिए वैधानिक कारवाही हेतु आयी जाँच को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
Home > राष्ट्रीय समाचार > उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी द्वारा वैधानिक कार्यवाही हेतु शासन से आयी जाँच के वावजूद आरोपितों को प्रवर्तन विभाग से न हटाया जाना बना सवालिया प्रश्न