अलीगढ़। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जेएन मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग द्वारा प्रोफेसर एम.ए. अकबरशा, बायोमेडिकल वैज्ञानिक और अनुसंधान समन्वयक, नेशनल कॉलेज (स्वायत्ता प्राप्त), तिरुचिरापल्ली द्वारा ‘रिवर्स फार्माकोलॉजी को अपनाते हुए भारतीय पारंपरिक दवाओं से कैंसर के लिए दवा की खोज’ विषय पर विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। उन्होंने भारतीय दवाओं की प्रभावकारिता और सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक प्रमाण तैयार करने और कैंसर के लिए भारतीय दवाओं से कुछ दवा अणुओं की खोज, विशेष रूप से कैंसर के लिए एक सिद्ध दवा, रस गेंथी मेझुगु की प्रभावकारिता और सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक प्रमाण पर अपने शोध कार्य को साझा किया। उन्होंने प्रोस्टेट, फेफड़े और स्तन कैंसर सेल लाइनों का उपयोग करके अपने प्रयोगात्मक अध्ययनों को भी साझा किया और बताया कि कैसे उन्होंने उरुशीओल्स को छाती कैंसर के इलाज के लिए सिद्ध हर्बल दवा, सेमेकार्पस लेहियम के प्रमुख सक्रिय सिद्धांत के रूप में एंटीट्यूमर एजेंट के रूप में पहचान की।इससे पूर्व, फार्माकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सैयद जियाउर रहमान ने अतिथी का परिचय दिया और विश्वविद्यालय विस्तार व्याख्यान के समन्वयक प्रोफेसर निसार अहमद खान का आभार जताया।डॉ. इरफान ए. खान ने धन्यवाद ज्ञापित किया।