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स्वयं सहायता समूहों व वीरांगना दल को दी एनीमिया से बचाव की जानकारी

जिले के 1882 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर हो रहा पोषण पखवाड़े का आयोजन

इकबाल खान
बलरामपुर। जिले में पोषण पखवाड़े के पांचवें दिन आंगनबाड़ी केन्द्रों पर स्वयं सहायता समूहों व वीरांगना दल की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान सभी महिलाओं और किशोरियों को एनीमिया की रोकथाम के लिए पौष्टिक आहार, स्वच्छता, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व की जानकारी दी गई।
मंगलवार को पोषण पखवाड़े के पांचवें दिन आंगनबाड़ी केन्द्र परसा पलईडीह में स्वयं सहायता समूहों व वीरांगना दल की बैठक के दौरान महिलाआंे को पोषण के बारे में जानकारी दी गई। पिरामल फाउंडेशन के कमलेश्वर मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि कुपोषण एक अभिशाप है। इसको दूर करने के लिए हम सभी को एक जुट कार्य करने की जरूरत है। उन्होने बताया कि 6 महीने तक मां बच्चे को सिर्फ अपना दूध पिलाए। 6 महीने के बाद बच्चों को ऊपरी आहार देना बहुत जरूरी है क्योंकि ये आहार बच्चे की शारीरिक एवं मानसिक विकास को बहुत तेज विकसित करता है। कमलेश्वर ने कहा कि माताओं को जागरूक करने में वीरांगना दल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आंगनबाड़ी सुपरवाइजर शीला वर्मा ने सभी महिलाओं को बताया कि एनीमिया से बचाव के लिए आयरन टेबलेट के साथ विटामिन सी युक्त आहार जैसे टमाटर, नींबू, संतरा, अमरूद व आंवला लें। किशोरियां अंकुरित दालों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाएं क्योंकि हरे पत्तेदार सब्जियों में लौह तत्व की मात्रा अधिक होती है। शीला वर्मा ने सभी को साफ सफाई के बारे में विस्तृत जानकारी दी और सही तरीके से हाथ साफ करने की विधि का अभ्यास भी करवाया। इस बैठक में आंगनबाड़ी कुसुम, आरती, रीता आदि का सराहनीय योगदान रहा। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 वर्ष 2015-16 के अनुसार जिले में 15 से 49 वर्ष की 55.8 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया यानी खून की कमी का शिकार हैं।
-सत्येन्द्र सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि पखवाड़े के पांचवें दिन जिले के 1882 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर 740 स्वयं सहायता समूहों और 394 वीरांगना दलों की बैठक का आयोजन कर महिलाओं में खून की कमी को दूर करने सहित पोषण के लिए पौष्टिक आहार को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं।

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