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कमीशन लेने का आरोप लगाकर प्रधानों ने दिया हंगामी धरना


विधायक मूलचंद्र ने मौके पर पहुंचकर सुनी समस्या
उरई, जालौन। सरकारी कामों में भारी कमीशनबाजी के आरोप कोई नए नहीं हैं लेकिन जब किसी कार्य के लिए निर्धारित बजट का लगभग आधा कमीशन की भेंट चढ़ रहा हो तो काम की गुणवत्ता कैसी होगी, यह आसानी से समझा जा सकता है। कोंच ब्लॉक के प्रधानों ने ब्लॉक लेवल पर करीब साढ़े सैंतालीस फीसदी कमीशन लिए जाने के सनसनी खेज आरोप लगाते हुए इसके विरोध में ब्लॉक परिसर में धरना दिया और पूरे मामले की शिकायत विधायक मूलचंद्र निरंजन से करते हुए इस स्थिति को खत्म कराने की मांग की उत्तर प्रदेश ग्राम प्रधान संगठन ब्लॉक इकाई कोंच के अध्यक्ष प्रधान विरगुवां बुजुर्ग रवींद्र कुमार गौतम की अगुवाई में समूचे ब्लॉक के ग्राम प्रधानों ने ब्लॉक परिसर में जुट कर हंगामी धरना दिया और नारेबाजी करते हुए कमीशनबाजी बंद करने की मांग की। प्रधानों ने आरोप लगाया कि भारी भरकम कमीशन लेकर ब्लॉक के अधिकारियों द्वारा उनका शोषण किया जा रहा है जिसके चलते उन्हें काम करने में दिक्कत हो रही है। प्रधानों ने विधायक मूलचंद्र निरंजन से पूरे मामले की शिकायत करते हुए कहा कि मनरेगा के पक्के कामों में 47.5 फीसदी कमीशन लिया जा रहा है जिसमें 11 प्रतिशत बीडीओ, 10 प्रतिशत सचिव, टीए 6 प्रतिशत, जीएसटी 12 प्रतिशत, टीएस 1 प्रतिशत, ट्रांसपोर्टर 5 प्रतिशत एवं जिला 2.5 प्रतिशत है। इसी प्रकार कच्चे कामों में भी विभिन्न स्तरों पर करीब 18 फीसदी कमीशन लिया जा रहा है। इसके अलावा गौशाला संचालन के लिए कोई धनराशि निर्गत नहीं किए जाने के चलते प्रधानों को अक्तूबर माह से अपने संसाधनों से व्यवस्था देखनी पड़ रही है। प्रधानों ने यह भी मांग उठाई कि प्रबंधन समिति/प्रधानाचार्य का संयुक्त खाता बंद कर प्रधान/प्रधानाचार्य का संयुक्त खाता खोला जाना चाहिए। प्रधानों की इस समस्या को लेकर विधायक ने जिले के उच्चाधिकारियों से वार्ता की है। अब देखना बाकई दिलचस्प होगा कि प्रधानों को इस भारी भरकम कमीशनबाजी से निजात मिल पाती है या ढर्रा यूं ही चलता रहेगा। हालांकि प्रधान संगठन ने चेतावनी दी है कि अगर समस्या का समाधान न निकला तो आने वाले दिनों में कार्य बहिष्कार, ब्लॉक कार्यालय में तालाबंदी जैसे उपायों का विकल्प भी खुला है और गौशालाओं के मवेशियों को भी छुट्टा कर दिया जाएगा। प्रधान कैलाश ने धरने के दौरान अपने प्रधान साथियों को बताया कि 50 हजार में अपनी दुधारू भैंस बेची तब कहीं जाकर वह चुका पाए इंटरलॉकिंग की मजदूरी का पैसा। इस दौरान रवींद्र कुमार गौतम, रागिनी, गोमती, आरती देवी, प्रेम प्रकाश, मायादेवी, कमलेश कुमार, जितेंद्र, सुरेंद्र कुमार, रामजी यादव, रवींद्र पाल सिंह, रवींद्र चंदुर्रा, रामकुमार राजपूत, मानवेंद्र सिंह, कपिल देव, दयाशंकर, ममता देवी, कुसुम लता, योगेंद्र कुमार, भारती देवी सहित तमाम प्रधान मौजूद रहे।

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