आगरा। दीपावली पर कारोबारी के बेटे की शरारत से आतिशबाजी की दुकान में भीषण आग लग गई। आग और धुएं से दुकान के ऊपर घर में फंसी दो बहनों की मौत हो गई, जबकि कारोबारी की पत्नी और बेटे बाल-बाल बच गए। दहशत के चलते बाजार बंद हो गया। आसपास की दुकानें और घर आनन-फानन में खाली हो गए। आग से कारोबारी के घर और दुकान में दरारें आ गईं। रुनकता निवासी संजीव अग्रवाल का मुख्य बाजार में तीन मंजिला मकान है। बेसमेंट में पटाखा गोदाम और भूतल पर दो दुकानें हैं। इनमें आतिशबाजी की दुकान थी। (sisters burnt alive) ऊपर की दो मंजिल पर कारोबारी का परिवार रहता है। संजीव और उनका सात वर्षीय बेटा कृष्णा दुकान में थे, जबकि पत्नी गीता और बेटी 12 वर्षीय वैष्णवी तथा नौ वर्षीय चीनू दूसरी मंजिल पर घर में थीं। खेल-खेल में कृष्णा ने दुकान में पटाखा चला दिया। संजीव की जब तक नजर पड़ी, तब तक उससे आतिशबाजी में आग लग गई। पटाखों और बमों के धमाके के सुन आसपास के दुकानदारों ने आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए। तब तक जीने में धुआं भर चुका था। गीता कृष्णा को लेकर पड़ोसी छुट्टन की छत से उनके घर में पहुंच गई। लेकिन दोनों बहनें घर में ही रह गईं। (sisters burnt alive) थोड़ी देर बाद जब गीता को वे नहीं दिखीं, तो उन्होंने लोगों को बताया। इसके बाद दो जगह से दीवार तोड़कर उन्हें निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन धुएं के कारण कोई अंदर नहीं घुस सका। आधा घंटे बाद पुलिस और दमकल पहुंची, इसके बाद आग बुझाने के प्रयास शुरू हुए। करीब सवा घंटे बाद फायर कर्मियों ने दोनों बहनों को निकाला, तब तक वे बेहोश हो चुकी थीं। परिजन उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद दमकल की चार गाड़ियों ने आग को काबू में किया। सीओ हरीपर्वत श्लोक कुमार ने बताया कि मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।