हमीरपुर, (वेबवार्ता)। उत्तर प्रदेश सरकर ने आगनवाड़ी केंद्रो मेे पोषाहार बंद होने के बाद अब राष्ट्रीय आजीविका मिशन(एनआरएलएम) की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से राज्य के आंगनवाड़ी केंद्रो में गेहू,चाबल, दाल,घी, सूखा दूध का पावडर वितरित कराने का फैसला किया है। बाल विकास परियोजना के जिला कार्यक्रम अधिकारी(डीपीओ) सुरजीत सिंह ने आज यहां कहा कि महाराष्ट्र, झारखंड, उत्तराखंड राज्यों में एनआरएलएम की समूह की महिलाओं द्वारा आंगनवाडी केंद्रो में गेहू, दाल, चावल ,घी,सूखा दूध का पावडर कोटेदार के यहां से लेकर वितरित किया जा रहा है और यह कार्यक्रम सफल रहा है। उसी तर्ज पर उत्तर प्रदेश मे भी समूहों से वितरित करने का फैसला किया गया है। इसके लिये सरकार ने पूरी गाइडलाइन तैयार कर ली है। राशन वही से उठाया जायेगा जहां से राशन कोटेदार की दूरी ज्यादा न हो। इसमे छह माह से छह साल के बच्चे को हर माह एक किलो चावल, डेढ़ किलो गेहू,चार सौ ग्राम सूखा दूध का पावडर, 75 ग्राम दाल तीन माह में चार सौ पचास ग्राम देशी घी वितरित किया जायेगा। गर्भवती महिलाओं को यही सुविधा दी जायेगी। इसमे आधा किलो चावल व तीन सौ ग्राम सूखा दूध की बढ़ोत्तरी कर दी गयी है। छह माह से लेकर तीन साल के कुपोषित बच्चो को समस्त सुविधाएं यही रहेगी बल्कि गेहू को बढ़ाकर ढाई किलो कर दिया गया है। सब अनाज लाभार्थी के घर पहुंचाया जायेगा।