बड़ा इमामबाड़ा पक्की सराये पर हुआ मजलिस का आयोजन
इटावा। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सेकेट्री मौलाना डॉ. यासूब अब्बास ने कहा है कि मौला अली ने रसूल अल्लाह की तमाम जंगों में अपनी बहादुरी के जौहर दिखाए, मौला अली को जंग में देखकर दुश्मने इस्लाम भागने पर मजबूर हो जाते थे। उक्त बात शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सेकेट्री मौलाना डॉ. यासूब अब्बास ने पक्की सराये स्थित बड़े इमामबाड़े में आलिम रिजवी की ओर से स्व. आमिल रिज़वी इसाले सवाब पर आयोजित मजलिस में तकरीर करते हुए कही। उन्होंने कहा रसूल अल्लाह की हदीस है कि अली का जिक्र मेरा जिक्र और मेरा जिक्र अल्लाह का जिक्र, अली का जिक्र भी इबादत है। अल्लाह ने हर इबादत के लिए दिन महीना और वक्त निर्धारित किया लेकिन अली का जिक्र कभी भी किया जा सकता है। मौला अली ने जो फैसले किये उन्हें आज तक कोई चैलेंज नहीं कर सका। इंसान को बचपन और बुढ़ापे में सहारे की जरूरत पड़ती है लेकिन अली इतने बहादुर थे कि उन्हें कभी सहारे की जरूरत नहीं पड़ी। मौलाना डॉ. यासूब अब्बास ने कहा दावते जुलेशीरा में अली रसूल अल्लाह की नवूवत के गवाह बने। कायनात के सबसे बहादुर मौला अली ने मौला अब्बास जैसे एक बहादुर बेटे की तमन्ना की, अली की तरह उनके बेटे मौला अब्बास कर्बला में अपनी बहादुरी के जलवे दिखाकर दुश्मने इस्लाम को भयभीत कर दिया। मजलिस में सलीम रजा, अश्शू रिजवी ने सोज ख्वानी की, रिहान आजमी आजमगढ़ कलाम पेश किये। इससे पूर्व शावेज़ नक़वी, राहत हुसैन रिजवी, तनवीर हसन, राहिल, रानू, आतिफ एड., सोनू , आलिम रिजवी ने मौलाना डॉ. यासूब अब्बास का माल्यार्पण कर जोशीला स्वागत किया। मजलिस में मौलाना अनवारुल हसन जैदी इमामे जुमा इटावा, हाजी अरशद मरगूब, राहत अक़ील, हनी वारसी, मुमताज चौधरी, तस्लीम रजा, इंतजार नक़वी, अयाज हुसैन, समर अब्बास, मो. अब्बास, अख्तर मुशीर हैदर, जहूर नक़वी, तहसीन रजा, इबाद रिज़वी, मौलवी ताबिश, राजा, मो. आकिल, परवेज हसनैन, सईद नक़वी, टीएच रिजवी, ताबिश, राहिल, आफताब, सफीर हैदर, हसन अब्बास, अमीर हैदर, शब्बर अक़ील, सैफू, शानू, शादाब हसन, मो. मियां, जावेद, जुनैद, सलमान, खुशनसीब, समर, मुहब्बे अली, राशिद, हम्माद, शाद, आरिफ रिजवी, दबीरुल हसन, मो. अहमद, अली शान, रजी हैदर, अमान, शारू, आसिम रिजवी, शारिब,स़ोहिल खान आले रजा नक़वी आदि ने भाग लिया।
सोहिल खान अवध की आवाज इटावा