श्री हृदय नारायण दीक्षित प्रतिष्ठित चिंतक विचारक पत्रकार साहित्यकार व राजनेता हैं। श्री दीक्षित सार्वजनिक जीवन में 1968 में आए वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सम्मिलित हुए। तमाम जन संघर्षों आंदोलन से जुड़े। आपातकाल 1975 77 में 19 माह जेल में रहे। पांच बार विधानसभा के सदस्य रहे। विधान परिषद के सदस्य रहे। विधान परिषद में भाजपा विधायक दल के नेता रहे। पंचायती राज व संसदीय कार्य मंत्री रहे। वे देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे। डॉ रामविलास शर्मा जैसी अनेक चर्चित पुस्तक लिखी है। संविधानविद श्री दीक्षित एक अनुभवी पत्रकार भी हैं। उनके दैनिक जागरण समेत देश की अनेक पत्र पत्रिकाओं में 5000 से अधिक आलेख छपे हैं। श्री हृदय नारायण दीक्षित और उनकी पत्रकारिता पर पीएचडी भी हो चुकी है। गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार भानु प्रताप शुक्ला पत्रकारिता सम्मान दीनदयाल उपाध्याय सम्मान हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान हिंदी संस्थान का अटल बिहारी वाजपेई साहित्यकार सम्मान आदि से पुरस्कृत दीक्षित जी ने लगभग 30 पुस्तको का लेखन भी किया है। हम सब पत्रकार सुरक्षा महासमिति के पत्रकार बंधु अपने आप को सौभाग्यशाली समझते हैं श्री दीक्षित जी से पत्रकारिता क्षेत्र में उनके लेख उनके विचार से हम सब पत्रकार बंधुओ को बहुत सीख मिलती है।
पत्रकार सुरक्षा महासमिति
गुड्डू मिश्रा