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निर्माणाधीन फ्लाई ओवर सड़क पर गुजर रहे वाहनों पर गिरा,हादसे में 1८ लोगों की मौत

लखनऊ/वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिला के कैंट रेलवे स्टेशन के पास उस समय हड़कंप मच गया जब एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर कई टन बजनी पिलर कैंट रेलवे स्टेशन के पास सड़क पर गुजर रहे वाहनों पर गिर गया। इस हादसे में 50 से अधिक लोग घायल हो गए। वहीं शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस हादसे में 1८ लोगों की मौत की खबर आ रही है। जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मृतकों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है। हालांकि की आभी इस बात कि पुष्टि नहीं हुई है कि हादसे में कितने लोगों की जान गई है। प्रदेश के राहत आयुक्त संजय कुमार ने बताया कि दोपहर बाद हुए इस हादसे में एक निर्माणाधीन उपरिगामी पुल का एक हिस्सा अचानक ढह गया, जिससे उसके नीचे खड़े अनेक वाहन दब गये। मलबे में दबकर अब तक 1८ लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। अनेक अन्य लोग घायल हुए हैं। राहत एवं बचाव कार्य जारी है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं। मलबे से पांच शव निकाले लिये गये हैं।
उन्होंने बताया कि यह घटना भीड़भाड़ वाले इलाके में हुई, लिहाजा मलबे में अभी कई अन्य लोगों के दबे होने का अंदेशा है, इसीलिये मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है। क्षेत्रीय सांसद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात करके स्थिति का जायजा लिया और हादसे में मारे गये लोगों के परिजन के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही प्रभावित लोगों की हर सम्भव मदद सुनिश्चित करने को कहा। मुख्यमंत्री योगी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को मौके पर भेजा है। उनके निर्देश पर मामले की उच्चस्तरीय जांच के लिये कृषि उत्पादन आयुक्त राज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो 48 घंटे के अंदर मामले की तकनीकी जांच, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के प्रस्ताव के साथ अपनी रिपोर्ट उपलब्ध करायेगी।
योगी ने राज्य सरकार की तरफ से मृतकों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये तथा घायलों को दो-दो लाख रुपये की सहायता का एलान भी किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा राहत बल, पुलिस और अन्य संगठनों को राहत कार्य के लिये वाराणसी रवाना कर दिया गया है।
इस बीच, सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वाराणसी में हुए हादसे में लोगों को बचाने के लिये अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से बचाव दल के साथ पूरा सहयोग करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि वह सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह केवल मुआवजा देकर अपनी जिम्मेदारी से भागने के बजाय पूरी ईमानदारी से जांच करवायेगी। पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा राहत बल को मौके पर भेजा गया है और पुलिस तथा पीएसी बल भी पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि मलबे से निकाले जाने वाले घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिये इंतजाम किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, कैंट रेलवे स्टेशन के पास महीनों से बन रहा ओवरब्रिज का एक बड़ा हिस्सा मंगलवार शाम को अचानक जमीन पर आ गिरा। ओवर ब्रिज का हिस्सा जमीन पर गिरते ही नीचे मौजूद लगभग 50 लोग इसके मलबे में दब गए। इस दौरान भागादौड़ी और जान बचाने की कोशिश में कई लोग इस दौरान गिरकर घायल भी हो गए। काफी भीड़ भरे क्षेत्र में अचानक हुए इस हादसे में भगदड़ मचने के बाद मौके पर पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभाला और लोगों को सुरक्षित करने के प्रयास में जुट गए। हादसे की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय नागरिक भी सहयोग में आगे आए और ओवरब्रिज गिरने के बाद नीचे फंसे वाहन और उसमें मौजूद लोगों को बचाने की कोशिश करने लगे।
आपको बता दे कि वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और बीजेपी यहां लगातार विकास करने के लिए प्रतिबद्ध नजर आती है। लोकसभा चुनाव 2014 में वाराणसी से जीत हासिल करके सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी को क्योटो बनाने का वादा किया। इस वादे के तहत पीएम ने वाराणसी को 21वीं सदी के लिए मॉर्डन स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद करते हुए शहर को जापान की धार्मिक राजधानी क्योटो की तर्ज पर विकसित करने का खाका तैयार किया।

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