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देश में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 41 प्रतिशत हुई

नई दिल्ली। देश में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर में लगातार इजाफा हो रहा है और अब तक कोरोना के 48534 मरीज पूरी तरह ठीक हो चुके हैं तथा पिछले 24 घंटों में 3334 मरीजों के ठीक होने के बाद मरीजों के ठीक होने के बाद रिकवरी दर 41 प्रतिशत हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता लव अग्रवाल ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि देश में मरीजों के ठीक होने दर में लगातार इजाफा होना काफी सकारात्मक है। एक सकारात्मक बात यह भी है कि कोरोना मृत्यु दर जो 19 मई को 31.3 प्रतिशत दर्ज की गई थी, अब वह भी घटकर 30.02 प्रतिशत हो गई है। इस समय देश में कोरोना के 66330 सक्रिय मरीज है जो चिकित्सकों की कड़ी निगरानी में हैं।
उन्होंने बताया कि इस समय केन्द्र सरकार का ध्यान राज्यों और जिलों में पाए जा रहे कोरोना मरीजों पर हैं और उनके चिकित्सकीय प्रबंधन पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में कोरोना के मामले अधिक पाए जा रहे हैं वहां उपयुक्त कंटेनमेंट रणनीति और अन्य उपायों को कड़ाई से लागू किया जा रहा है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) के वैज्ञानिक रमन गंगाखेड़कर ने बताया कि आज (शुक्रवार) दिन में एक बजे तक 27,55714 कोराना टेस्ट हो चुके हैं और पिछले चार दिनों से लगातार एक लाख से अधिक कोरोना परीक्षण किए जा रहे हैं तथा आज 103829 कोरोना टेस्ट किए गए हैं। देश में आईसीएमआर के नेटवर्क वाली 401 प्रयोगशालाओं ने 85542 और निजी क्षेत्र की 178 प्रयोगशालाओं में 18287 कोरोना टेस्ट किए गए हैं।
देश में इस समय कोरेाना से निपटने के लिए 3027 कोविड समर्पित अस्पतालों, कोविड हेल्थ सेंटरों और 7013 कोविड केयर सेंटरों की पहचान की जा चुकी है। इनके अलावा 2.81 लाख आइसोलेशन बिस्तर और 31250 से अधिक आईसीयू बिस्तरों और 109888 ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों को पहले ही कोविड समर्पित अस्पतालों और कोविड हेल्थ सेंटरों में चिह्नित किया जा चुका है।
केन्द्र सरकार कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए सभी स्तरों पर महामारी रोग विशेषज्ञों की सलाह ले रही है। ‘काफी सतर्क तथा चरणबद्व’ नीति रही है। इसी के कुछ सकारात्मक परिणाम रहे हैं कि देश में इस बीमारी का उतना प्रभाव नहीं दिखाई पड़ा जितना विश्व के अन्य देशों में परिलक्षित हुआ। कोरोना वायरस से पूरा विश्व प्रभावित हुआ है और सभी देशों की बात की जाए तो कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 62 व्यक्ति प्रति लाख है जबकि भारत में यह आंकड़ा 7.9 व्यक्ति प्रति लाख है।
विश्व के शीर्ष 15 देशों की आबादी 142 करोड़ के आसपास है और भारत की आबादी 137 करोड़ है लेकिन हमारे देश की तुलना में उन देशों में 34 गुना अधिक संक्रमित व्यक्ति पाये गये हैं। विश्व के उन विकसित देशों की जनसंख्या लगभग हमारे बराबर होने के बावजूद उनके यहां मृत्यु दर हमसे 83 गुना अधिक है और इन देशों के 3.32 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस के कारण मारे गए हैं।
देश में 25 मार्च को लॉकडाउन के समय कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर 7.1 प्रतिशत थी जो 16 अप्रैल को 11. 42 प्रतिशत और तीसरे लॉकडाउन के समय 26. 59 प्रतिशत हो गई और अब यह बढ़कर 41 प्रतिशत हो गई है। देश में इस समय जितने सक्रिय मामले हैं उनमें 2.94 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन, तीन प्रतिशत को आईसीयू और 0. 45 प्रतिशत मरीजों को वेंटीलेटर की आवश्यकता हैं।
अभी तक सबसे अच्छी बात यह है कि मात्र 6.93 प्रतिशत मरीजों को ही ऑक्सीजन, आईसीयू और वेंटीलेटर की आवश्यकता हो रही है जबकि विश्व के अन्य देशों में यह दर 10 से 15 फीसदी है। अब तक देश में कोरोना वायरस के 27 लाख से अधिक टेस्ट हो चुके हैं और संक्रमित मरीजों की जो संख्या सामने आ रही है, वह मात्र 4.5 प्रतिशत ही है और विश्व के अन्य देशों में बड़े पैमाने पर लोगों की जांच की जा रही है और वहां भी संक्रमितों का यही प्रतिशत निकल रहा है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और नेशनल सेंटर फार डिसीज कंट्रोल तथा राज्य सरकारों के सहयोग से 60 से अधिक जिलों में समुदाय आधारित सीरो-सर्वेक्षण करा रहा है ताकि भारतीय आबादी में कोविड-19 संक्रमण के स्तर का पता लगाया जा सके।

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