मोहन लाल गंज , लखनऊ । मोहन लाल गंज के नवनिर्मित रेलवे स्टेशन का महज तीन-चार माह पहले ही करोड़ो रूपये की लागत से कायाकल्प कर शुभारंभ किया गया था, लेकिन इस सीजन की पहली बारिश ने ही सारी पोल खोल कर सब के सामने रख दी , स्टेशन के प्लेटफॉर्म में लगी इंटर लॉकिंग धस गयी , पानी पीने के लिए बनाई गयीं टंकियों की टोटियों के नीचे भी इंटरलॉकिंग धस गयी , हर तरफ गंदगी का अंबार दिखाई पड़ता है,करोड़ो की लागत से लगी इंटरलाकिंग जगह-जगह धंस कर अभी से उखड़नी शुरू हो गयी , वहां पर उपस्थित आस-पास के ग्रामीणों का कहना है कि स्टेशन की पुरानी बिल्डिंग अंग्रेजो के जमाने की बनी हुई है और आज तक जस की तस है कही एक ईंट तक नही उखड़ी थी और अब करोड़ो की लागत से बनी इमारत व प्लेटफॉर्म पर लगी टाइल्स और इंटरलाकिंग छः माह भी नही चल पाई और शुरुवाती बारिश में ही सारे भ्रष्टाचार की पोल खुल गयी । यात्रियों के मुताबिक मानक के विपरीत सारे नियम व कानूनों को ताख पर रख ठेकेदारों ने जिम्मेदारों को चंद रुपयों का लालच देकर गुडवत्ता को दर किनार कर अपनेे मन माफिक इंटरलॉकिंग का काम कराया और पटान के नाम पर महज खानापूर्ती की जिसका नतीजा यह हुआ कि इंटरलॉकिंग पहली बारिश भी नही झेल सकी और जगह जगह धस गयी जिसमे फिसल कर प्लेटफार्म पर कई मुसाफिर गिर कर चोटिल भी हो चुके है। अभी आने वाले दिनों में तो और भी तेज बरसात होगी तो अन्य कामो से भी पर्दा उठ पायेगा । लेकिन जिम्मेदारों ने हद कर दी , और करोड़ो रूपये की लागत लगने के बावजूद भी दैनिक यात्री व आने जाने वाले मुसाफिर प्लेटफार्म पर हुए इंटरलॉकिंग के काम से खासे खिन्न नजर आए और जिम्मेदारों के ऊपर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए खासे हताश व निराश दिखे और ये भी कहा कि आखिर सरकार के मंसूबो पर जिम्मेदारो ने पानी फेर सरकार की किरकिरी कराने में कोई कोर कसर बाकी नही छोड़ी ।
मोहम्मद सलीम