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एनटीपीसी विंध्याचल में विजय दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का किया गया आयोजन

जिला सिंगरौली मध्य प्रदेश। एनटीपीसी विंध्याचल में सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए मानव संसाधन राजभाषा अनुभाग द्वारा राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए विजय दिवस के अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन प्रशासनिक भवन के रामानुजम सभागार में किया गया। राजभाषा अनुभाग द्वारा वर्ष भर इस प्रकार की अनेक गोष्ठियों का आयोजन राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की जाती हैं।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में विभागाध्यक्ष(मानव-संसाधन) प्रबीर कुमार बिस्वास ने अपने स्वागत सम्बोधन में मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य अतिथियों एवं कवियों को विजय दिवस की बधाई देते हुए कहा कि इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन सभी लोगों के अंदर एक नई ऊर्जा का संचार करेगा एवं नीरसता को जीवंतता प्रदान करेगा ।
इस अवसर पर परियोजना प्रमुख (विंध्याचल) श्री सुभाष चन्द्र नायक नें अपने उद्बोधन में कहा कि एनटीपीसी विंध्याचल राजभाषा अनुभाग द्वारा राजभाषा के प्रचार एवं प्रसार हेतु अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन एक सराहनीय कदम है। उन्होने विजय दिवस की बधाई देते हुए कहा कि 16 दिसंबर 1971 के दिन भारतीय सेनाओं के पराक्रम और तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी जी के दृढ़ संकल्प की बदौलत 24 वर्षों से दमन और अत्याचार सह रहे तत्कालीन ईस्ट पाकिस्तान के करोड़ों लोगों को मुक्ति मिली थीं। भारत पाकिस्तान के बीच हुए 13 दिन के भयानक युद्ध के बाद 16 दिसंबर 1971 को एक नए राष्ट्र बांग्लादेश का जन्म हुआ। उन्होनें उम्मीद जताई कि यह कवि सम्मेलन लोंगों को खुशी प्रदान करने मे सार्थक सिद्ध होंगी। उन्होने अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के सफल आयोजन की कामना भी की।
श्री एल.एम. पाण्डेय, उप प्रबंधक (मानव संसाधन-राजभाषा) नें मुख्य अतिथि व अन्य गणमान्य अतिथियों एवं सम्मानित वक्ताओं का स्वागत किया तथा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के विषय में जानकारी दी। इस अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में वाराणसी, मऊ, रेनूकूट, शक्तिनगर एवं परियोजना के कवियों ने भाग लिया तथा अपनी-अपनी रचनाओं को सुनाकर सभी का भरपूर मनोरंजन किया।
अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का सफल संचालन कवि योगेंद्र मिश्रा द्वारा किया गया। इस कवि सम्मेलन की शुरुआत श्रीमती साधना शर्मा के सरस्वती वंदना “ उजियारे और अँधियारे माँ, सबके लिए बराबर देना” से हुई। तत्पश्चात कवि सम्मेलन को आगे बढ़ाते हुये मऊ से पधारे सुप्रसिद्ध कवि श्री पंकज प्रखर नें देशभक्ति से ओत-प्रोत अपनी कविता “ सरहद के जाबाज़ सिपाही, बस इतना सा काम करो, पाकिस्तान का हर हिस्सा, अब भारत माँ के नाम करो” सुनाकर सभी के अंदर जोश भर दिया और इस कवि सम्मेलन को चार चाँद लगा दिया। कवि सम्मेलन की अगली कड़ी में परियोजना से पधारे जितेंद्र सिंह रावत जी नें कृष्ण भक्ति गीत सुनाकर सभी को तालियाँ बजाने पर मजबूर कर दिया। रसायन विभाग से पधारे श्री ए सी मिश्रा जी नें व्यंग्य एवं देशभक्ति गीत को सुनाकर सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में मानव संसाधन विभाग से पधारे कवि श्री रविन्द्र कुमार मिश्रा नें अपनी हास्य कविता ” ज़िंदगी में बस अपने, एक काम किए जा, आराम किए जा, तू बस आराम किए जा” सुनाकर सभी को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। तदोपरांत कवियत्री श्रीमती साधना शर्मा नें अपनी कविता “ सही सूरत नहीं बन पाई है, आँख अपनी नजर पराई है” वाली कविता सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया। उत्तर प्रदेश से पधारे आईबी इंस्पेक्टर कवि योगेंद्र मिश्र नें “हम फूल है तो तलवार भी है, हम मौन है तो ललकार भी हैं, हम शांति कपोत उड़ाते हैं हम रण मे धूल चटाते आदि विभिन्न प्रस्तुतियों से लोगों का दिल जीत लिया तथा सभी श्रोताओं को वाह-वाह करने पर मजबूर कर दिया। कवि सम्मेलन की अगली कड़ी में वाराणसी से पधारे कवि श्री धर्मप्रकाश मिश्रा नें वर्तमान परिवेश में हिंदी साहित्य से संबन्धित हास्य एवं व्यंग्य कविता से सभी लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। कवि सम्मेलन के अंत में रेनूकूट से पधारे डीएफओ श्री मनमोहन मिश्रा नें अपनी देशभक्ति गीत” फूलों के रंग क्या हुये, बोलो जवाब दो, हमने लहू दिया है, लहू का हिसाब दो” वाली कविता सुनाकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का समापन उपमहाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्रीमती मंगला हरिन्द्रन के धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया। इस अवसर पर महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण) श्री ई सत्य फनी कुमार, अन्य महाप्रबंधकगण, अपर महाप्रबंधक एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ, राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्यगण व कर्मचारी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त वेब कास्ट के माध्यम से भी कर्मचारी व उनके परिवारजनों के साथ साथ विभिन्न परियोजनाओं के लोंगों ने भी अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भरपूर आनंद उठाया।

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