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विद्युत सुरक्षा निदेशालय कर्मचारी संघ और निदेशक के बीच वार्ता, आन्दोलन स्थगित

15 दिनों में मांगों की प्रतिपूर्ति न होने पर आन्दोलन
लखनऊ |सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव प्रांतीय अध्यक्ष के नेतृृत्व में संघ का प्रतिनिधिमण्डल विभागीय समस्याआंे/अनियमिततों के संबंध में कार्यवाहक निदेशक विद्युत सुरक्षा द्वारा पत्रांक 55 सी0/डी0ई0एस0/सी0 दिनाॅक 21.074.17 के माध्यम से पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वार्ता कई मांगों पर कार्यवाहक निदेशक के सकारात्मक जबाब मिलने केे बाद एसोसिएशन ने अपना प्रस्तावित आन्दोलन फिलहाल 15 दिनों तक स्थगित करने का निर्णय लिया। इस दौरान 12 सूत्रीय मांगों पर विचार विमर्श किया गया।
लगभग सूत्रीय मांगों पर विचार विमर्श के पश्चात सभी जायज मांगो पर कार्यवाहक निदेशक द्वारा सहमति व्यक्त करते हुये अपने अधीनस्थ अधिकारियों विजय प्रकाश श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक एवं श्री एल0बी0 गुप्ता उपनिदेशक मुख्यालय को तत्काल उचित कार्यवाही हेतु निदेर्शिंत किया और संघ के प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया है कि उपरोक्त सभी जायज 12 सूत्रीय मांगो को 15 दिन के भीतर पूरा कर लिया जायेगा। निदेशक महोदय द्वारा 15 दिन का समय मांगे जाने पर संघ ने आंदोलन का निर्णय स्थगित कर दिया है और संघ द्वारा यह बताया गया किय यदि उपरोक्त बिन्दुओं पर 15 दिन के भीतर कार्यवाही नहीं हुई तो संघ दिनाॅक 24 जुलाई .17 से आंदोलन की सीधी कार्यवाही करेगा। जिसका पूर्ण उत्तरदायित्व कार्यवाहक निदेशक की होगी।
वार्ता में निदेशालय की ओर से कार्यवाहक निदेशक श्री गिरीश कुमार सिंह के अतिरिक्त विजय प्रकाश श्रीवास्तव, संयुक्त निदेशक एवं श्री एल0बी0 गुप्ता उपनिदेशक मुख्यालय उपस्थित हुये एवं संगठन की ओर से श्री अरूण कुमार बाजपेई, श्री जहीरूल हसन, श्री संजीव कुमा, श्री सुनील कपूर, श्री सिराज मु0 सिद््दीकी, श्री रवीन्द्र नाथ दीक्षित, श्री सावन कुमार श्रीवास्तव, श्री आशुतोष कुमार सक्सेना, श्रीमती वन्दना डे, श्रीमती लक्ष्मी भागवानी, श्रीमती सुशीला परिहार, श्री रमेश कुमार, श्री अमित कुमार श्रीवास्तव एवं श्री सुजीत कुमार सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
लगभग दो घन्टे की वार्ता में निम्म मांगों पर विचार विमर्श किया गया। श्री धनंजय सिंह , दोहरे हत्याकाण्ड धारा संख्या 302, 506 एवं 120 बी के आरोपी व्यक्ति का अवैध स्थानान्तरण एवं अनुचित तरीके से लखनऊ में जनहित का हवाला देकर स्थानांतरण किया जाना?? तत्कालीन उपनिदेशक लखनऊ रीजन द्वारा श्री धनंजय सिंह को अपने अधीनस्थ तैनात किये जाने का विरोध किया गया था किन्तु कार्यवाहक निदेशक द्वारा उपनिदेशक लखनऊ रीजन के ऊपर दबाव बनाकर श्री धनंजय सिंह को लखनऊ रीजन में ज्वाइन कराया गया।अनुशासनहीनता के आरोपी व्यक्ति श्री पवन कुमार पर कार्यवाहक निदेशक द्वारा दया दिखाकर मुख्यालय में स्थानान्तरण किया जाना।आरोपित व्यक्ति पर अरोपों का विवरण निम्नवत् है-1. शासकीय कार्यों को मनमाने तरीके से करना, 2. हठधर्मिता करना, 3. शासकीय राजस्व प्रभावित किया जाना, 4. अनुशासनहीनता करना, 5. उ0प्र0 सरकारी आचरण नियमावली, 1956 के नियम-3, का उल्लंघन, 6. अधीनस्थ अन्य स्टाॅफ पर अप्रत्याशित आरोप लगाकर तनाव की स्थिति उत्पन्न करना, 7. अपने पटल से संबंधित कार्यों का निस्तारण प्रभावी ढंग से न किया जाना, 8. शासकीय कार्यों का निष्ठापूर्वक निस्तारण न किया जाना, 9. अनुमति लिये बगैर मुख्यालय छोड़कर अनियमित तरीके से इंजीनियर संवर्ग के निरीक्षण कार्य स्वयं करना, 10. सौंपे गये शासकीय दायित्वों का पालन न करना, 11. अपने अधिकारी के आदेशों की अवहेलना करना, 12. शासन/विभाग की छवि को धूमिल किये जाने,13, शासकीय कार्यों की गोपनीयता भंग करना रवीन्द्र कुमार श्रीवास्तव कनिष्ठ सहायक का नियमविरूद्ध स्थानान्तरण कर अनधिकृृत तरीके से सचिवालय मे सम्बद्धीकरण | इनकी वर्तमान तैनाती कानपुर जोनल कार्यालय में है किन्तु अनधिकृृत रूप से वे अपनी मूल तैनाती पर लगभग 4 वर्षों से अनुपस्थित चल रहें है और केवल मौखिक आदेश पर 1 वर्ष से इन्हें सचिवालय में सम्बद्ध बनाये रखा गया।मूल तैनाती स्थान कानपुर जोन में इनकी उपस्थिति न होने के बावजूद इन्हें बिना कार्य का वेेतन दिया जा रहा है।मुख्यालय में कई स्टेनों के पास कोई कार्य नहीं है और वे केवल व्यर्थ ही वेतन ले रहें है। मुख्यालय में वर्तमान में स्टेनो स्वीकृृत पदों से ज्यादा तैनात हैं, जबकि प्रदेश के अन्य रीजनल एवं जोनल कार्यालयों में स्टेनो के पद रिक्त चल रहें हैं। कार्यवाहक निदेशक के पास 4 स्टेनो, संयुक्त निदेशक के पास 3 स्टेनो, उपनिदेशक लखनऊ रीजन के पास 4 स्टेनो, और अन्य उपनिदेशकों के पास 2-2 स्टेनो है। साथ ही नियमविरूद्ध तरीके से मुख्यालय में तैनात विद्युत अवर अभियंता के पास 2 स्टेनो कार्यरत् है। विद्युत अवर अभियंता को स्टेनो किस नियम के आधार पर दिया गया है
भ्रष्टाचार के आरोपी श्री राजेश कुमार श्रीवास्तव स्टेनो के विरूद्ध गम्भीर आरोप होने के बावजूद उनके विरूद्ध कार्यवाही न कर उन्हें प्रश्रय दिया जाना । श्री राजेश कुमार श्रीवास्तव पर फर्जी हस्ताक्षर कर निरीक्षण रिपोर्ट जारी करने का आरोप हैं। पूर्वनिदेशक श्री विजयपाल सिंह जी द्वारा श्री श्रीवास्तव के हस्ताक्षर की फारंेसिंक जाॅच कराई गई थी जिसमें श्री श्रीवास्तव दोषी सिद्ध पाये गये थे। ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने के बजाये कार्यवाहक निदेशक द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
निदेशालय में आऊटसोर्सिंग के द्वारा नियुक्त कर्मचारियों को बिना उपस्थिति के भुगतान किस आधार पर किया जा रहा है|
विद्युत सुरक्षा निदेशालय में निदेशक का पद रिक्त चल रहा है कार्यवाहक निदेशक द्वारा जानबूझकर अपने स्वार्थवश निदेशक पद हेतु डी0पी0सी0 कराने में रूचि नहीं ली जा रही है। स्थाई निदेशक न होने से निदेशालय के कामकाज प्रभावित हो रहें है।
श्री ओम प्रकाश उपनिदेशक मुख्यालय द्वारा सहायक निदेशक लखनऊ जोन के पद पर रहते हुये विद्युत दुर्घटनाआंे की जाॅच में भयंकर अनियमितता बरती गई थी। सदर विधायक बाराबंकी एवं जिलाधिकारी बाराबंकी के द्वारा श्री ओम प्रकाश की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठाया गया और इनके विरूद्ध जाॅच हेतु पत्र लिखा गया किन्तु कार्यवाहक निदेशक द्वारा श्री ओमप्रकाश के प्रति सहानुभूति बरतते हुये उन्हें कार्यवाही से बचा लिया गया और मुख्यालय में तैनाती करा दी गई जाॅच से संबंधित कार्यवाही से शासन को आज तक अवगत नही कराया गया|
अस्वस्थ एवं जरूरतमंद कर्मचारी श्री रामकृृष्ण वरिष्ठ सहायक का स्थानान्तरण बार-बार अनुरोध किये जाने के बाद भी लखनऊ नहीं किया जा रहा है श्री राम कृृष्ण 1 वर्ष में रिटायर होने वाले हैं और शासन की स्थानान्तरण नीति है कि रिटायरमेंट के करीब व्यक्ति का स्थानांतरण ऐच्छिक स्थान पर किये जाने का प्रावधान है। वही श्री पवन कुमार, श्री धनंजय सिह एवं श्री रवीन्द्र श्रीवास्तव का स्थानान्तरण नियमविरूद्ध तरीके से लखनऊ कर दिया जाता है|
विद्युत अधिष्ठापनों का फर्जी निरीक्षण कर एन0ओ0सी0 जारी किया जाना | राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना एवं अन्य योजनाओं के अंतर्गत सब-स्टेशन एवं लाइनों का निरीक्षण फर्जी तरीके से किया जा रहा हैं। निरीक्षणकर्ता कार्यस्थल पर गये बिना ही अनियमित तरीके से फर्जी रिपोर्ट जारी कर रहें है। जिससे विभाग की छवि शासन/सरकार में धूमिल हो रही है और बिना स्थल निरीक्षण के रिपोर्ट जारी कर लाइन एवं सबस्टेशन ऊर्जीकृृत कर दिये जाने से विद्युत दुर्घटनाआंे की संभावना भी बनी रहती हैं। इसकी विस्तृृत जाॅच शासन/सतर्कता विभाग से कराई जाये | कर्मचारियों के वर्षो से बकाया एरियर का भुगतान न करके लाखों का बजट शासन में सरेंडर कर दिया गया है। यह एक गम्भीर वित्तीय अनियमितता की गयी है| कार्यवाहक निदेशक द्वारा स्वच्छता की शपथ दिलाई गई किन्तु कार्यालय मे साफ सफाई की स्थिति अत्यंत खराब है। कार्यालय परिसर एवं बाथरूम मंे भीषण गंदगी व्याप्त है। स्वच्छता अभियान में निदेशालय शपथ तक ही सीमित रहा |

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