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उत्तर प्रदेश के गौरव का महोत्सव है यूपी दिवस-डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय

लखनऊ | भारतीय जनता पार्टी ने यूपी दिवस को प्रदेश की गौरवशाली गाथा का महोत्सव बताया। प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि 68 वर्ष बाद पहली बार प्रदेश अपनी स्थापना की पहली वर्षगांठ पूरे जोश व उत्साह से मना रहा है। राज्यपाल रामनाईक एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई जिन्होंने इस आयोजन की तैयारियों के लिए प्रेरित किया। यूपी दिवस के माध्यम से उत्तर प्रदेश की कला, शिल्प व संस्कृति का संदेश पूरी दुनियां में जाएगा। इसके साथ ही यूपी दिवस के जरिए योगी सरकार राज्य के लिए चहंुमुखी विकास, रोजगार सृजन तथा प्रदेश को उत्कृष्ट प्रदेश बनाने का खाका खींच रही है। इस दिशा में प्रत्येक जिले से एक उत्पादन को प्रोत्साहन पंूजी, कौशल बाजार तथा पैकेजिंग उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है इससे प्रदेश की युवा ऊर्जा की प्रतिभा को प्रखरता मिलेगी तथा समृद्धि का कारक बनेगी। जिला स्तर पर यूपी दिवस के आयोजन से प्रदेश का जन-जन प्रदेश के गौरव से गौरवान्वित होगा।
प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि उ0प्र0 की संस्कृति स्थापत्यकला, खान-पान शैली अद्भुत संगीत और कालातीत परम्पराओं का मिश्रण है। उ0प्र0 अपने में अनेक रंग संजोए है। यूपी के शहर ऐतिहासिक, धार्मिक और स्थापत्य मूल्य के साथ आगे बढ़ रहे है। पवित्रता और मोक्ष की नगरी वाराणसी, संगम नगरी इलाहाबाद, रामलाल की जन्मस्थली अयोध्या, सांस्कृतिक केन्द्र गोरखपुर, कृष्ण लीला स्थल मथुरा-वृन्दावन के साथ आगरा, लखनऊ, कानपुर जैसे सभी शहर स्वयं में सांस्कृतिक धरोहर छुपाए हुए है।
डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि इस महान राज्य को देश की आध्यात्मिक, वौद्धिक और क्रांतिकारी राजधानी भी कहा जा सकता है। एक तरफ यहां भारद्धाज, गौतम, याज्ञवल्क्य, वशिष्ठ, विश्वामित्र, बाल्मीकि, वेद व्यास जैसे महान ऋषियों का विकास यहां हुआ वहीं सारनाथ में बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया तथा कुशीनगर में अंतिम सांस ली। यूपी में ही स्वतंत्रता के लिए संघर्ष का बीजारोपण हुआ, इस मिट्टी से धार्मिक, दार्शनिक और शैक्षिण शास्त्रार्थ के लिए सुदूर विदेश तक गए। तुलसीदास, सूरदास, कबीर, निराला, जयशंकर प्रसाद, मुंशी प्रेम चन्द्र, महादेवी वर्मा, मैथली शरण गुप्त, जैसे साहित्यकारों ने बुद्धिजीवियों का प्रेरित किया। उ0प्र0 की भूमि में बहुआयामी संस्कृति के फूल खिलते है। देश में कृषि क्षेत्र में सबसे ज्यादा योगदान यूपी का है। उ0प्र0 देश की जीडीपी में 8.4 फीसदी सहयोग के साथ शीर्ष तीन राज्यों में शामिल हुआ है, जीवन दायिनी गंगा-यमुना जैसी नदियां, उर्वर भूमि यह सभी उत्तर प्रदेश की गौरव गरिमा को निरूपित करते है।
डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि उ0प्र0 संस्कृति, कला, स्थापत्य के साथ, साहित्य, क्रांति की उर्बरा भूमि है। लहलहाते खेत मेनतकश अन्नदाता की कहानी कहते है। इतना सब कुछ होने के बाबजूद कमी थी तो बस इतनी कि हम स्वर्णिम अतीत और विकास पथ पर अग्रसर वर्तमान का जश्न नहीं मनाते थे। आज योगी सरकार ने यूपी दिवस के माध्यम से उत्तर प्रदेश की गौरवगाथा को विश्व मंच दिया है ताकि उत्तर प्रदेश के आलोक की आभा देश-विदेश में पहुंचे। औद्योगिक क्रांति के पथ पर बढ़ चुका उत्तर प्रदेश इस बार अपनी विरासत का यादगार जश्न मना रहा है और इसके साथ ही भविष्य को संवारने का खाका भी खींच दिया है।

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