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शिवा पहुंचा राजधानी कहा टूगेदर फाॅर गुड ,  निकलओडियन ने अपने टूगेदर फाॅर गुड अभियान के लिए लखनऊ की यात्रा की 

बच्चों को बेहतर भविश्य की यात्रा में पार्टनर बनने के लिए प्रेरित किया
लखनऊ: निकलओडियन ने अपने वैष्विक प्रो-सोशीओ अभियान, ‘टूगेदर फाॅर गुड’ की शुरुआत की, जो इस साल बच्चों की सुरक्षा को संबोधित करेगा। इस अभियान के बारे मे राजधानी स्थित  चिल्ड्रन एकेडमी स्कूल के प्राचार्य ने कहा, ‘‘बच्चों के लिए जीवन की शुरुआत में ही सुरक्षा के नियम सीखना बहुत आवष्यक है। हम सुरक्षा को बढ़ावा देने तथा रोकथाम के आवष्यक कदम उठाने के लिए के लिए निकलओडियन की संलग्नता के लिए उनके आभारी हैं। हम बच्चों को शिक्षित करके उन्हें खतरे की स्थिति में माता पिता का सहयोग लेने के बारे में जागरुक बनाना चाहते हैं।
बच्चों के लिए छोटी उम्र में ही साईबर सुरक्षा, धमकियां एवं शारीरिक शोशण की घटनाएं बढ़ने के साथ व्यक्तिगत सुरक्षा की जानकारी बढ़ाना आज की जरूरत बन गई है। निकलओडियन की दुनिया के केंद्र बच्चे हैं, इसलिए हमने उनके व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए एक अभियान प्रारंभ किया है, जो उन्हें ‘डर को त्यागकर सुरक्षा अपनाने’ के लिए प्रेरित करेगा। यह अग्रणी अभियान अपनी श्रेणी में पहला है, जो बच्चों को खतरों को पहचानने और बिना डर के किसी व्यस्क से संपर्क करने के लिए प्रेरित करता है।
बच्चों की सुरक्षा के उपायोें पर ध्यान देते हुए निकलओडियन ने अग्रणी गैर-सरकारी संगठन, ‘अर्पण’ के साथ साझेदारी की है, जो लोगों और परिवारों को बच्चों की सुरक्षा से संबंधित समस्याओं को पहचानने एवं उसके अनुसार कारवाई करने के लिए सषक्त बनाने में विषेशज्ञ है। बच्चों के पसंदीदा निकटूंस एवं अर्पण के विषेशज्ञों ने जागरुकता बढ़ाने और उन्हें ‘डर को त्यागकर सुरक्षा अपनाने’ की प्रेरणा देने के लिए एक इंटरेक्टिव स्कूल काॅन्टैक्ट प्रोग्राम आयोजित किया। इस स्कूल आउटरीच में वो सत्र षामिल हैं जो टीचर्स एवं व्यस्कों को सिखाते हैं कि बच्चों की सुरक्षा की समस्याओं का प्रबंधन कैसे किया जाए।
शेरालीन मूंजेली, डायरेक्टर – पब्लिक इंगेज़मेंट, dzअर्पण ने कहा, ‘‘हमें ‘टुगेदर फाॅर गुड’ अभियान के लिए निकलओडियन के साथ साझेदारी करने की खुषी है। अर्पण को बच्चों के यौन षोशण की रोकथाम एवं इसके प्रभाव के उपचार में काम करने का 10 सालों से अधिक समय का अनुभव है। अर्पण का अवलोकन है कि यदि बच्चों को उम्र के अनुरूप कौषल एवं ज्ञान प्रदान किया जाए, तो वो अपनी खुद की सुरक्षा कर सकते हैं। माता-पिता और केयरगिवर्स के पास जब ज्ञान होता है, तो वो बच्चों के लिए सुरक्षित और सचेत वातावरण का निर्माण कर सकते हैं। निकलओडियन के सहयोग से इस अभियान में लाखों बच्चों और माता-पिता को व्यक्तिगत सुरक्षा का संदेश  प्रदान करने की सामथ्र्य है।’’

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